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Market Outlook: बाजार पर मंदी का नजरिया कायम, निफ्टी में 8-10% की और गिरावट संभव- अनिरुद्ध गर्ग

अनिरुद्ध गर्ग का कहना है कि बाजार पर हमारा नजरिया बियरिश है। हम कुछ चुनिंदा फंड्स मैनेजर्स में होंगे जो बाजार में कैश पोजिशन लेकर बैठे हैं। मेरा मानना है कि बाजार में अभी और थोड़ा गिरावट देखने को मिल सकता है। निफ्टी में रिस्क रिवॉर्ड फेवरेबल होती जा रही है लेकिन मिड-स्मॉलकैप शेयरों में और भी दवाब देखने को मिल सकती है। अनिरुद्ध गर्ग ने कहा कि निफ्टी में मौजूदा स्तर से 8-10 फीसदी की गिरावट और देखने को मिल सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 21, 2024 पर 9:02 AM
Market Outlook:  बाजार पर मंदी का नजरिया कायम, निफ्टी में 8-10% की और गिरावट संभव- अनिरुद्ध गर्ग
अनिरुद्ध गर्ग ने इस बातचीत में आगे कहा कि ऑटो सेक्टर में दिक्कत बनी हुई है। वहीं रियल्टी सेक्टर में भी दबाव देखने को मिल सकता है।

Market Outlook:  बाजार में 2024 का अंत अच्छे नोट पर होता नहीं दिख रहा है। बाजार पर बिकवाली का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में साल 2025 की शुरुआत कैसी होगी। किन सेक्टर्स में बेहतरीन मौके मिलेंगे। क्या ये गिरावट खरीदारी का मौका है? इन सब पर बात करते हुए Invasset PMS के पार्टनर & हेड ऑफ रिसर्च अनिरुद्ध गर्ग का कहना है कि बाजार पर हमारा नजरिया बियरिश है। हम कुछ चुनिंदा फंड्स मैनेजर्स में होंगे जो बाजार में कैश पोजिशन लेकर बैठे हैं। मेरा मानना है कि बाजार में अभी और थोड़ा गिरावट देखने को मिल सकता है। निफ्टी में रिस्क रिवॉर्ड फेवरेबल होती जा रही है लेकिन मिड-स्मॉलकैप शेयरों में और भी दवाब देखने को मिल सकती है। अनिरुद्ध गर्ग ने कहा कि निफ्टी में मौजूदा स्तर से 8-10 फीसदी की गिरावट और देखने को मिल सकती है। निफ्टी 22,000 का लेवल दिखा सकता है। वहीं मिड और स्मॉलकैप में 15-16 फीसदी की गिरावट संभव है।

ऑटो सेक्टर में और दबाव संभव

अनिरुद्ध गर्ग ने इस बातचीत में आगे कहा कि ऑटो सेक्टर में दिक्कत बनी हुई है। वहीं रियल्टी सेक्टर में भी दबाव देखने को मिल सकता है। आगे इस सेक्टर में दबान देखने को मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि कैपेक्स वाली कंपनियों में अब ज्यादा प्रीमियम नहीं है।

फार्मा और आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि अगले 6-8 महीने के लिए ये सेक्टर बाजार को स्टेबिलिटी दे सकते हैं। बाकी दूसरे सेक्टर में रेलवे, डिफेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर , कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर की बात करें तो इनमें जैसे -जैसे वैल्यूएशन करेक्ट होंगे वैसे ही धीरे-धीरे इस सेक्टर से भी बाजार को सपोर्ट मिलना शुरु हो जाएंगी।

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