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Market outlook : 2 दिनों की तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली, जानिए 6 जनवरी को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market trend : भारतीय बेंचमार्क इंडेक्सों ने दो दिन के तेजी के लय को तोड़ दिया। कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे, आगामी बजट और ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालनें के बाद नीतियों की स्पष्टता से जुड़ी उम्मीदें बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 03, 2025 पर 5:07 PM
Market outlook : 2 दिनों की तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली, जानिए 6 जनवरी को कैसी रह सकती है इसकी चाल
Market cues: एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचलकर ने कहा कि निफ्टी के लिए पहला रजिस्टेंस 24,250 और उसके बाद बड़ा रजिस्टेंस 24,306 पर है

Stock market: भारतीय बेंचमार्क इंडेक्सों ने दो दिन के तेजी के लय को तोड़ दिया और 3 जनवरी को निफ्टी 24,000 के थोड़ा ही ऊपर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 720.60 अंक या 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 79,223.11 पर और निफ्टी 183.90 अंक या 0.76 फीसदी की गिरावट के साथ 24,004.75 पर बंद हुआ। आज लगभग 2048 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, 1778 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, और 111 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

अलग-अलग सेक्टरों में बैंक, कैपिटल गुड्स, आईटी और फार्मा में 1-1 फीसदी की गिरावट आई, जबकि तेल एवं गैस और मीडिया में 1-1 फीसदी की बढ़त हुई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.33 फीसदी नीचे बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ। निफ्टी पर विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा और अडानी पोर्ट्स आज के टॉप लूजर रहे। जबकि ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टाइटन कंपनी और एचयूएल आज के टॉप गेनर रहे।

एक्सिस सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च हेड राजेश पालवीय ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा कि बाजार में हाल ही में ओवरसोल्ड ट्रैजेक्टरी से टेक्निकल पुलबैक देखन को मिला। अच्छी रिकवरी के बाद कंसोलीडेशन का यह फेज बाजार के लिए हेल्दी है। ऐसी स्थिति में ब्रॉडर मार्केट में सुधार होता है क्योंकि काफी पिट चुके शेयरों और सेक्टरों में खरीदारों की दिलचस्पी दिखाई देने लगती है। उन्होंने आगे कहा की मार्केट ब्रेड्थ मजबूत हो रही है। इससे आगे इंडेक्सों उछाल की संभावना बन रही है।

पलविया ने आगे कहा कि कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे, आगामी बजट और ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालनें के बाद नीतियों की स्पष्टता से जुड़ी उम्मीदें बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।

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