
दिल्ली-NCR के चर्चित बिल्डर जेपी ग्रुप के MD मनोज गौड़ को ED ने गिरफ्तार किया है। उन पर घर खरीदारों के पैसे के डायवर्जन का आरोप है। ये मामला करीब 12000 करोड़ के ऊपर का है। इस पूरे मामले को समझाते हुए न्यूज 18 के शंकर आनंद ने बताया कि JP ग्रुप के खिलाफ ED का बड़ा एक्शन देखने को मिला है। JP ग्रुप के MD मनोज गौर को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई है। ये पूरा घोटाला करीब 12 हजार करोड़ रुपए का है। जेपी इन्फ्राटेक पर पैसों का हेरफेर करने का आरोप है। कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में ग्राहकों का पैसा दूसरी जगह लगाया गया है।
ED का आरोप है कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में घर खरीदारों से लिए गए पैसे को दूसरे प्रोजेक्ट्स में लगाया और उनका गलत इस्तेमाल किया। इस धोखाधड़ी में कई निवेशकों का पैसा अटका हुआ है और उन्हें अभी तक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में मनोज गौड़ से जांच एजेंसी कई बार पूछताछ की है। पूछताछ में सहयोग नहीं करने और तमाम सबूतों के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। ED की जांच में अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस मामले में कितनी गड़बड़ी हुई और जिम्मेदार कौन हैं। मनोज गौड़ की गिरफ्तारी के बाद ED की जांच और तेज हो सकती है। एजेंसी अब संपत्तियों की अटैचमेंट और फाइनेंशियल ट्रैकिंग के माध्यम से पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
बता दें कि इस साल मई में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और उनसे जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में लगभग 15 जगहों पर कार्रवाई की गई थी। 23 मई 2025 को हुई इस छापेमारी में एजेंसी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए थे। इसके साथ ही ED ने 1.70 करोड़ रुपये की नकदी भी अपने कब्जे में ली थी।
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