आज के डिजिटल दौर में म्यूचुअल फंड या डीमेट अकाउंट के लिए KYC पूरा होना अनिवार्य है। लेकिन जब KYC का स्टेटस ‘ऑन होल्ड’ या ‘पेंडिंग’ आता है, तो निवेशक कई बार फंसे रह जाते हैं। यह समस्या आमतौर पर तीन कारणों से होती है: मोबाइल नंबर या ईमेल वेरिफाई न होना, पैन और आधार का लिंक सही न होना, या SEBI की नई नियमावली के तहत KRA (केवाईसी रजिस्ट्री एजेंसी) द्वारा आपकी जानकारी का रीवेरिफिकेशन न होना।
