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Vivah Muhurat 2025: तुला से वृश्चिक राशि में जाएंगे सूर्य और फिर 20 नवंबर से गूंजने लगेंगी शहनाइयां, जानें इस साल से लेकर अगले साल तक के विवाह मुहूर्त

Vivah Muhurat 2025: देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह संपन्न होने के साथ ही हिंदू धर्म में शादियों का मौसम शुरू हो जाता है। लेकिन इस साल कुंवारे जोड़ों को इंतजार करना पड़ रहा है। सितारों का खेल ही कुछ ऐसा है। लेकिन अब और नहीं, 20 नवंबर से इस साल शादियों के मुहूर्त फिर शुरू हो जाएंगे।

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 13, 2025 पर 6:16 PM
Vivah Muhurat 2025: तुला से वृश्चिक राशि में जाएंगे सूर्य और फिर 20 नवंबर से गूंजने लगेंगी शहनाइयां, जानें इस साल से लेकर अगले साल तक के विवाह मुहूर्त
बिहार के चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद दूल्हों के सिर पर सेहरा सजेगा।

Vivah Muhurat 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि यानी देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार मास की योग निद्रा से जागते हैं। इसके बाद तुलसी विवाह होता है, जिसके बाद माना जाता है कि मांगलिक कार्य हो जाते हैं। लेकिन इस साल कुंवारों के लिए इंतजार जरा लंबा हो गया, क्योंकि देव तो जा गए लेकिन सूर्य देवता तुला राशि में थे। सूर्य तुला राशि से निकल कर वृश्चिक राशि में 16 नवंबर आएंगे। ये लगभग वही समय होगा, जब बिहार में सत्ता के सरताज की घोषणा होगी। यानी बिहार के चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद दूल्हों के सिर पर सेहरा सजेगा।

चातुर्मास की समाप्ति के बाद शादी के शुभ मुहूर्त 18 नवंबर से शुरू होंगे। 06 दिसंबर के बाद इन पर एक बार फिर विराम लग जाएगा। इस साल मिथिला पंचांग के अनुसार शादी के 10, तो बनारसी पंचांग के अनुसार 13 शुभ मुहूर्त हैं। मिथिला पंचांग के अनुसार, जहां नवंबर में सात एवं दिसंबर में तीन दिन शुभ विवाह मुहूर्त हैं, वहीं बनारसी पंचांग के अनुसार नवंबर में नौ तथा दिसंबर में चार विवाह लग्न हैं।

नए साल में भी इंतजार होगा लंबा

आमतौर पर दिसंबर-जनवरी में शादियों का सीजन खरमास के दौरान स्थगित रहता है। इसकी दोबारा शुरुआत मकर संक्रांति के बाद से यानी 14 जनवरी से होती है। इस साल 11 दिसंबर को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएंगे। इसके अलावा वृद्धत्व दोष के कारण 08 दिसंबर से विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं होगा। 2026 के पहले मास जनवरी में खरमास की समाप्ति के बाद एवं शुक्र ग्रह के अस्त होने से शादी-ब्याह नहीं होंगे। 01 फरवरी की शाम छह बजे शुक्र के उदित होने के बाद यह सिलसिला आरंभ होगा।

शादी में ग्रहों की शुभता जरूरी

शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ यानी उदय होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभफलदायी होते हैं।

ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्त

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