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कश्मीर घाटी में जेहादी आतंकवाद के बड़े पोस्टर ब्वॉय जाकिर मूसा का खास सहयोगी रहा है मुफ्ती इरफान

दिल्ली में सोमवार की शाम लाल किले के करीब हुए ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों के फोकस में है मुफ्ती इरफान अहमद। ये वो मौलवी है, जिसने बीस से भी ज्यादा पढ़े- लिखे युवकों को जेहाद की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्हें कट्टर बनाया और आतंकी गतिविधियों में शामिल किया

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड Nov 13, 2025 पर 6:14 PM
कश्मीर घाटी में जेहादी आतंकवाद के बड़े पोस्टर ब्वॉय जाकिर मूसा का खास सहयोगी रहा है मुफ्ती इरफान
मुफ्ती इरफान के सहारे जांच एजेंसियां आतंक के इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी हैं और इसके तहत एक के बाद एक तमाम गिरफ्तारियां हो रही हैं, जिससे पूरे देश के लोग भौंचके है

मुफ्ती इऱफान के बारे में जो जानकारी अभी तक सुरक्षा एजेंसियों को हासिल हुई है, उसके मुताबिक ये उस जाकिर मूसा का काफी करीबी सहयोगी रहा है, जिसने 2013 से लेकर 2019 के बीच कश्मीर घाटी में आतंक मचा रखा था। बीटेक कर रहे मूसा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़कर आतंकवाद का रास्ता पकड़ लिया था और घाटी के युवाओं को जेहाद की राह पर खीचने में लगा था।

जाकिर मूसा पहले हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन से जुड़ा और फिर उसके बाद जैश- ए- मोहम्मद से। बाद में इसने जैश छोड़कर खुद का आतंकी संगठन खड़ा किया, अंसार गजवात उल हिंद के तौर पर। 2019 में सुरक्षा एजेंसियों के हाथों मारे जाने के पहले जाकिर मूसा इसी आतंकी संगठन का मुखिया था।

कैसे दोस्त बने मूसा औक मुफ्ती इरफान?

आतंक की राह पकड़ते ही मूसा की मुफ्ती इरफान अहमद से दोस्ती हो गई, जो खुद एक समय श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पारा मेडिक स्टाफ था। छह महीने वहां नौकरी करने के बाद मुफ्ती इरफान ने जेहादी आतंकवाद का रास्ता पकड़ लिया, और मूसा का करीबी सहयोगी बन गया।

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