नेपाल दशकों तक अपनी करेंसी छपवाने के लिए भारत पर निर्भर रहा। 1945 से 1955 तक नेपाल के नोट भारत के नासिक स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छपते थे। इसके बाद भी 2015 तक भारत कुछ हद तक इस जिम्मेदारी को निभाता रहा। लेकिन 2015 में तस्वीर बदल गई। नेपाल ने करेंसी प्रिंटिंग के लिए भारत की जगह चीन को चुन लिया। इसके पीछे सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि तकनीकी और राजनीतिक वजहें भी थीं।
