Stock market : 12 फरवरी को वोलेटाइल कारोबारी सत्र में भारतीय इक्विटी इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 122.52 अंक या 0.16 फीसदी की गिरावट के साथ 76,171.08 पर और निफ्टी 26.55 अंक या 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 23,045.25 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1487 शेयरों में तेजी आई, 2334 शेयरों में गिरावट आई और 85 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी पर एमएंडएम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, आयशर मोटर्स, आईटीसी और हीरो मोटोकॉर्प सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में रहे। जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी लाइफ, श्रीराम फाइनेंस और टाटा स्टील आज के टॉप गेनर रहे। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है।
अलग-अलग सेक्टरों में पीएसयू बैंक और मेटल को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में बंद हुए,जबकि रियल्टी इंडेक्स में लगभग 3 फीसदी की गिरावट आई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली पर बात करते हुए इंडियाचार्ट्स के रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) वर्तमान में कॉन्ट्रैक्टों की संख्या के मामले में रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी शॉर्ट पोजीशन रखते हैं। यह अत्यधिक मंदी का स्तर बताता है कि किसी पॉजिटिव ट्रिगर की स्थिति में जोरदार शॉर्ट-कवरिंग रैली आ सकती है। फरवरी में अब तक FII ने भारतीय शेयर बाजारों से 17,129.5 करोड़ रुपए निकाले हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि यह निफ्टी फ्यूचर्स के ओपन इंटरेस्ट में भी साफ होता है,जो पिछले 10-15 दिनों से बाजार में गिरावट के साथ बढ़ रहा है। इसके चलते ये कई सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। प्राइस एक्शन में भारी निगेटिविटी यह संकेत मिलता है कि हम शॉर्ट और मीडियम अवधि दोनों में निचले स्तर पर हो सकते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों या हफ्तों में बाजार में रिकवरी की संभावना है। इस रिकवरी में निफ्टी 24,000 या उससे ऊपर की ओर बढ़ सकता है।
टेक्निकल नजरिए से देखें तो आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में इक्विटी रिसर्च के सीनियर मैनेजर जिगर पटेल का मानना है कि निफ्टी 22,800 के आसपास एक निचला स्तर बना रहा है। 27 जनवरी को निफ्टी ने 22,800 के आसपास एक निचला स्तर बनाया था। आज,इसने फिर से उस स्तर का छू लिया है। इस लेवल पर निफ्टी के लिए सपोर्ट दिख रहा है। वहीं, ऊपर की तरफ इसके लिए 23,450 के आसपास रेजिस्टेंस की उम्मीद है।
अब सभी की निगाहें भारत और अमेरिका दोनों से आने वाले रिटेल महंगाई के आंकड़ों पर लगी हुई है। निवेशक बाजार की आगे की चाल का अंदाजा लगाने के लिए इन आंकड़ों पर नजरें बनाए हुए हैं। रॉयटर्स पोल के मुताबिक खाने- पीने की चाजों की कीमतों में धीमी बढ़त के कारण जनवरी में भारत की खुदरा महंगाई में भारी गिरावट आने की उम्मीद है। महंगाई में नरमी से भारतीय रिजर्व बैंक को धीमी इकोनॉमिक ग्रोथ से निपटने के लिए सपोर्ट मिल सकता है। धीमी इकोनॉमिक ग्रोथ से हाल क महीनों में कॉर्पोरेट आय और खपत पर निगेटिव असर पड़ा है।
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