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Market View: जियोपॉलिटिक टेंशन ने बढ़ाया बाजार में वौलेटिलिटी, हेल्थकेयर, ऑटो सेक्टर में निवेश के मौके

Market View: जितेंद्र श्रीराम ने कहा कि इस साल बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिला। जियो-पॉलिटिक्स इश्यूज का असर देखने को मिला। नॉर्थ-वेस्टर्न बॉर्डर के साथ मिडिल ईस्ट पर भी टेंशन देखने को मिला। पिछले साल के कंपेयर इस साल ग्रोथ बेहतर रहा। RBI पॉलिसी का भी असर आगे दिखेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 21, 2025 पर 10:07 AM
Market View: जियोपॉलिटिक टेंशन ने बढ़ाया बाजार में वौलेटिलिटी,  हेल्थकेयर, ऑटो सेक्टर में निवेश के मौके
डोमेस्टिक फार्मा सेक्टर पर फोकस होता है। सेक्टर को सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा। आयुष्मान भारत, हेल्थ बीमा स्कीम का फायदा मिलेगा।

Market View:  अमेरिका के मौहलत के बाद बाजार में तेजी का माहौल रहा। कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार का जोश हाई रहा।सेंसेक्स, निफ्टी शानदार बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 1046 प्वाइंट चढ़कर 82408 पर बंद हुआ तो निफ्टी 319 प्वाइंट की छलांग लगाते हुए 25112 पर क्लोज हुआ। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और बड़ौदा बीएनपी परिबास लार्ज कैप (Baroda BNP Paribas Large Fund) पर बात करते हुए बड़ौदा बीएनपी पारिबा एमएफ सीनियर फंड मैनेजर- इक्विटी जितेंद्र श्रीराम ने कहा कि इस साल बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिला। जियो-पॉलिटिक्स इश्यूज का असर देखने को मिला। नॉर्थ-वेस्टर्न बॉर्डर के साथ मिडिल ईस्ट पर भी टेंशन देखने को मिला। पिछले साल के कंपेयर इस साल ग्रोथ बेहतर रहा। RBI पॉलिसी का भी असर आगे दिखेगा। हर चीज का रिसेट होने में 3 से 6 महीने लगते हैं। लार्जकैप फंड्स को लेकर पॉजिटिव संकेत मिल रहे है ।

उन्होंने आगे कहा कि लार्जकैप के वैल्यूएशन थोड़े किफायती है। मिड और स्मॉलकैप के वैल्यूएशन अभी भी महंगे है। स्मॉल-मिड कैप के मुकाबले लार्जकैप ज्‍यादा स्‍टेबल नजर आ रहा है । लार्जकैप में निवेश से स्टेबिलिटी का फायदा मिलेगा। कंजर्वेटिव निवेशकों के लिए बेस्ट रहेगा। मिड-स्मॉल स्पेस में भी थोड़ा एक्सपोजर रखें।

बड़ौदा बीएनपी परिबास लार्ज कैप पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि टॉप 100 स्टॉक्स में 80% तक का एक्सपोजर है । 10% मिड-स्मॉलकैप में एक्सपोजर है। लार्जकैप फंड्स में कम जोखिम होता है। सही सेक्टर में वेटेज सही जरूरी है। फंड के परफॉर्मेंस के आधार पर एलोकेशन होता है। बड़ी कंपनियां में लिक्विडिटी ज्यादा है। एंट्री- एग्जिट भी आसान, टर्नओवर ज्यादा है। सेक्टर सेलेक्शन की स्ट्रैटेजी पर बा करते हुए उन्होंने कहा कि वेटेज ट्रैकिंग जरूरी होता है। मार्केट ग्रोथ और सेक्टर पोजिशनिंग, बाजार की ग्रोथ की नजर और सेक्टर लीडिंग ग्रोथ की स्ट्रैटेजी पर फोकस करने वाले सेक्टर में निवेश किया जाता है।

इन सेक्टर में करें फोकस? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश के मौके है। यूटिलिटी, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी में हमारा फोकस है। ऑटो सेक्टर में ओवरवेट नजरिया है। बैंक और फाइनेंशियल में न्यूट्रल है जबकि कैमिकल, मेटल स्पेस में अंडरवेट नजरिया बना हुआ है।

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