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Market views : बाजार का ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव, अगले हफ्ते निफ्टी में देखने को मिल सकता है 25650 का स्तर

Market Outlook : रिसिप्रोकल टैरिफ पर 90-दिन की रोक की समय-सीमा निकट आने के साथ, बाजार अगले दो सप्ताह में होने वाली ट्रेड वार्ता और इससे जुड़ी सौदेबाजी की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखेगा। इस बीच, भू-राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है। मध्य पूर्व संघर्ष में दुनिया के दूसरे बड़े देशों के कूदने के डर ने निवेशकों को सतर्क बनाए रखा है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 21, 2025 पर 1:34 PM
Market views : बाजार का ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव, अगले हफ्ते निफ्टी में देखने को मिल सकता है 25650 का स्तर
नागराज शेट्टी ने कहा कि निफ्टी का ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव है। अब इसके अगले अपसाइड लेवल 25250 के आसपास नजर आ रहे हैं

Stock markets : भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह का समापन मजबूती के साथ किया। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल के कारण सप्ताह के मध्य में काफी वोलैटिलिटी रही। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रोजेक्ट फाइनेंशिंग मानकों में ढील दिए जाने से फाइनेंशियल शेयरों को सपोर्ट मिला। आरबीआई के निरंतर नरम रुख और महंगाई में नरमी से पॉलिसी रेट में और कटौती की संभावना बढ़ गई है। बीते हफ्ते सेंसेक्स 1,289.57 अंक या 1.58 फीसदी उछलकर 82,408.17 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 393.8 अंक या 1.59 फीसदी बढ़कर 25,112.40 पर बंद हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि "भू-राजनीतिक तनाव के कारण सप्ताह की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया, जिससे महंगाई को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। हालांकि, शुरुआती उछाल के बाद तेल की कीमतों में बढ़त की गति काफी कम हो गई। इससे महंगाई के बढ़ने की आशंका कम हो गई। नए टैरिफ़ लागू होने के प्रस्ताव के बाद फार्मास्युटिकल सेक्टर को लेकर निवेशकों में सतर्कता देखने को मिली।"

उन्होंने आगे कहा कि मध्य पूर्व के संघर्ष में अमेरिका के कूदने की अटकलों के बाद बाजार में काफी बेचैनी देखने को मिली। इससे स्थिति के बड़े संकट में बदलने का खतरा पैदा हो गया था। हालांकि,कूटनीतिक संयम और अमेरिका द्वारा इस विषय पर दो सप्ताह बाद निर्णय लेने की बात कहने के बाद बाजार में घबराहट कुछ कम हुई और थोड़ी स्थिरता आई।

रिसिप्रोकल टैरिफ पर 90-दिन की रोक की समय-सीमा निकट आने के साथ, बाजार अगले दो सप्ताह में होने वाली ट्रेड वार्ता और इससे जुड़ी सौदेबाजी की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखेगा। इस बीच, भू-राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है। मध्य पूर्व संघर्ष में दुनिया के दूसरे बड़े देशों के कूदने के डर ने निवेशकों को सतर्क बनाए रखा है। इसके अलावा निवेशकों की नजर भारत के PMI आंकड़ों के साथ-साथ आगामी अमेरिकी GDP और PCE आंकड़ों पर भी रहेगी।

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