Sensex-Nifty Down: Budget के पहले धराशाई मार्केट, इन पांच कारणों से सेंसेक्स-निफ्टी में फिसलन

Why Sensex-Nifty Down: अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट एक फरवरी को पेश होगा। बजट पेश होने के पहले मार्केट में बिकवाली का तेज दबाव दिख रहा है। BSE Sensex एक हजार प्वाइंट्स से अधिक टूटकर 59165 पर आ गया है तो Nifty 50 भी 300 अंकों की कमजोरी के साथ 17600 के नीचे लुढ़क गया है। बाजार की इस गिरावट के पीछे घरेलू-वैश्विक कई कारण हैं, जिनके बारे में यहां बताया जा रहा है

अपडेटेड Jan 27, 2023 पर 11:44 PM
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निफ्टी पर अडानी पोर्ट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और बीपीसीएल में निफ्टी पर सबसे अधिक बिकवाली दिख रही है। सेक्टरल इंडेक्स की बात करें तो सिर्फ निफ्टी ऑटो और फार्मा ग्रीन जोन में हैं।

Why Sensex-Nifty Down: अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट एक फरवरी को पेश होगा। बजट पेश होने के पहले मार्केट में बिकवाली का तेज दबाव दिख रहा है। BSE Sensex एक हजार प्वाइंट्स से अधिक टूटकर 59165 पर आ गया है तो Nifty 50 भी 300 अंकों की कमजोरी के साथ 17600 के नीचे लुढ़क गया है। निफ्टी पर अडानी पोर्ट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और बीपीसीएल में निफ्टी पर सबसे अधिक बिकवाली दिख रही है। सेक्टरल इंडेक्स की बात करें तो सिर्फ निफ्टी ऑटो और फार्मा ग्रीन जोन में हैं। बाजार की इस गिरावट के पीछे घरेलू-वैश्विक कई कारण हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है।

Budget 2023

बाजार को भरोसा है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च जारी रखेगी और ऐसे ऐलान करेगी जिससे प्राइवेट सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। बाजार की ये उम्मीदें अगर पूरी नहीं होती हैं तो इसमें गिरावट का रुझान दिख सकता है। राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर भी नजर रहेगी। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.9 फीसदी पर रह सकता है जो चालू वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी है।


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बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट

अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेज गिरावट है। इसके अलावा सेंसेक्स-निफ्टी के हैवीवेट स्टॉक्स जैसे कि एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और रिलायंस में भी बिकवाली का दबाव है जिससे बेंचमार्क इंडेक्स में फिसलन है।

यूएन ने की ग्रोथ अनुमान में कटौती

यूनाइटेड नेशंस ने सख्त मौद्रिक नीतियों और कमजोर वैश्विक मांग के चलते इस साल 2023 में भारतीय जीडीपी के ग्रोथ अनुमान में कटौती की है। यूएन के मुताबिक भारत की जीडीपी इस साल 5.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यूएन की 25 जनवरी को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोडक्ट्स 2023 रिपोर्ट में जीडीपी ग्रोथ का यह अनुमान जारी किया है।

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विदेशी निवेशकों की बिकवाली

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर के मुताबिक विदेशी निवेशकों का लगातार बिकवाली ने मार्केट सेंटिमेंट बिगाड़ा है। सबसे अधिक झटका फाइनेंशियल और आईटी स्टॉक्स को लगा है। इसके बाद कंज्यूमर सर्विसेज, तेल और गैस, टेलीकम्यूनिकेशन और ऑटो सेक्टर को भी तेज झटका लगा है।

अमेरिकी फेड का अगला फैसला 1 फरवरी को

अमेरिकी इकोनॉमी अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 2.9 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा जो अनुमान से बेहतर रहा। इकोनॉमिस्ट्स ने 2.3 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया था। हाई फ्रीक्वेंसी इकोनॉमिक्स में मुख्य अमेरिकी अर्थशास्त्री रुबेला फारूकी की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक अगर फेड के हिसाब से देखें तो आने वाली मंदी इकोनॉमी के लिए वेलकम न्यूज की तरह होगी। बाजार पर फेड के फैसले का असर दिखता है और वह भी 1 फरवरी 2023 को आएगा।

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