अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg की रिपोर्ट पर शुक्रवार को विस्तार से जवाब दिया है। इसमें दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों ने इस रिपोर्ट को बोगस कहा है यानी कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। यह जानकारी अडानी एग्जेक्यूटिव्स के कांफ्रेंस कॉल में हिस्सा लेने वाले बॉन्डहोल्डर्स ने दी है। अडानी ग्रुप ने अमेरिकी निवेशक हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर बॉन्डहोल्डर्स के साथ एक कॉल कांफ्रेंसिंग की थी। इस इंवेस्टर कॉल को बार्सलेज, ड्यूश बैंक एजी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने आयोजित किया था। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर मार्केट मैनिपुलेशन और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है।
“Myths of Short Seller” में जवाब दिया Adani Group ने
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कुछ मुद्दों को लेकर अडानी ग्रुप ने कॉल पर जवाब दिया है। इसमें “Myths of Short Seller” के रूप में 18 पेज का एक प्रेजेंटेशन पेश किया गया। अडानी ग्रुप का कहना है कि इस मामले में वह जवाब के रूप में शुक्रवार को 100 पेज का एक डोजियर जारी करेगा। अडानी ग्रुप ने निवेशकों से कहा कि अकाउंटिंग फ्रॉड सिर्फ तथ्यों को नजरअंदाज करने के चलते दिख रहा है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस प्रेजेंटेशन में जानकारी दी गई कि अडानी ग्रुप की नौ में से आठ कंपनियों की ऑडिटिंग छह बड़े ऑडिटर्स ने की है। इस मामले में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है लेकिन हिंडनबर्ग ने कॉल शुरू होते समय ट्वीट किया कि अडानी ग्रुप ने किसी भी मुद्दे पर जवाब नहीं दिया, जिसे उन्होंने उठाया है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी में Adani Group
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर और बॉन्ड्स टूट रहे हैं। इस बीच अडानी ग्रुप की एक कंपनी का एक एफपीओ भी खुल गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि उसने दो साल की जांच के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है और इसके मुताबिक अडानी ग्रुप की कंपनियों ने स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड किया है। वहीं अडानी ग्रुप इस मामले में हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। वहीं Hindenburg का कहना है कि अगर अडानी ग्रुप ने मुकदमा किया तो हम कंपनी के दस्तावेजों की मांग करेंगे।