फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म Hindenburg Research ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को शॉर्ट किया है यानी कि इसके शेयरों में गिरावट का अनुमान लगाया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में स्टॉक मैनिपुलेशन और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। इसके चलते Adani Group की कंपनियों के बॉन्ड्स और शेयर रेड जोन में हैं। हिंडनबर्ग कॉरपोरेट वर्ल्ड में सभी गलत कामों का ट्रैक रिकॉर्ड रखती है और फिर इन कंपनियों को शॉर्ट करती है। ऐसे में यह जानना बहुत दिलचस्प होगा कि हिंडनबर्ग क्या है, यह कैसे काम करती है और इसने अब तक कितनी दिग्गज कंपनियों को शॉर्ट किया है। हालांकि यह भी जानना दिलचस्प है कि हिंडनबर्ग ने कुछ कंपनी के मामले में अपने पोजिशन में बदलाव भी किया है।
Hindenburg Research क्या है?
University of Connecticut से ग्रेजुएट Nathan Anderson ने वर्ष 2017 में इसकी शुरुआत की थी। यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक यह अकाउंटिंग से जुड़ी अनियमितताएं, मिसमैनेजमेंट और अघोषित लेन-देन जैसे मैन-मेड डिजास्टर्स पर नजर रखती है। कोई गलती पकड़ आती है तो यह इस पर एक रिपोर्ट तैयार करती है और फिर उस कंपनी को शॉर्ट करती है यानी कि उसके गिरने पर बेट लगाती है। यह कंपनी अपनी खुद की पूंजी निवेश करती है। इसका नाम 1937 में हिंडनबर्ग एयरशिप के हाई प्रोफाइल डिजास्टर पर पड़ा है जो उड़ान के दौरान न्यू जर्सी में जलकर राख हो गया था।
सबसे तगड़ा बेट क्या रहा हिंडनबर्ग का
हिंडनबर्ग के लिए अब तक के सबसे तगड़े बेट की बात करें तो सितंबर 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी Nikola Corp के खिलाफ दांव को कहा जा सकता है। इसके फाउंडर एंडरसन ने वाल स्ट्रीट जर्नल में इसे खुद एक बड़ी जीत कहा था लेकिन कितना मुनाफा हुआ, इसका खुलाना उन्होंने नहीं किया। हिंडनबर्ग का कहना था कि निकोला ने निवेशकों को अपने तकनीकी विकास के बारे में गलत जानकारी दी थी। एंडरसन ने एक वीडियो को चैलेंज किया था जिसमें निकोला ने इलेक्ट्रिक ट्रक को तेज भागते हुए दिखाया था जबकि वास्तव में यह पहाड़ी के नीचे लुढ़क रहा था।
इस मामले में अमेरिकी ज्यूरी ने निकोला के फाउंडर ट्रेवर मिल्टन पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। कंपनी को 2021 में 12.5 करोड़ डॉलर चुकाने पड़े थे। निकोला की लिस्टिंग जून 2020 में हुई थी और कुछ ही दिनों में इसका वैल्यूएशन फोर्ड मोटर को पीछे छोड़ते हुए 3400 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया लेकिन अब यह 134 करोड़ डॉलर की ही कंपनी है। हिंडनबर्ग का कहना है व्हिसलब्लोअर्स और पूर्व एंप्लॉयीज उन्हें कंपनियों की गड़बड़ियों को पकड़ने में मदद करते हैं।
कभी हिंडनबर्ग ने बदली है अपनी पोजिशन?
हिंडनबर्ग की साइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसने 2017 से लेकर अब तक कम से कम 16 कंपनियों में गड़बड़ियां पकड़ी हैं। पिछले साल जब एलॉन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर को 4400 करोड़ डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव पेश किया था तो हिंडनबर्ग ने इसे शॉर्ट किया था क्योंकि उसका मानना था कि अगर मस्क इस डील से पीछे हटते हैं तो इसकी वैल्यू फिर से तय होगी। हालांकि फिर जुलाई में एंडरसन ने मस्क के अगेन्स्ट ट्विटर में लॉन्ग पोजिशन ले लिया। मस्क और ट्विटर के बीच की डील अक्टूबर में 4400 करोड़ डॉलर में ही पूरी हुई।