Mukul Agrawal Portfolio: दिग्गज निवेशक मुकुल अग्रवाल ने बिकवाली की आंधी में अपना पोर्टफोलियो भी हल्का किया। कुछ स्टॉक्स में तो इतनी तेज बिकवाली हुई कि उनकी होल्डिंग एक फीसदी के भी नीचे आ गई। एक फीसदी से कम होल्डिंग का चूंकि खुलासा नहीं होता तो यह भी संभव है कि मुकुल अग्रवाल ने स्टॉक को पोर्टफोलियो से ही हटा दिया हो। अब तक के खुलासे के मुताबिक मार्च तिमाही में मुकुल अग्रवाल ने दो स्टॉक जगसनपाल फार्मा (Jagsonpal Pharma) और सहरसा इलेक्ट्रॉनिक्स (Sahasra Electronics) को पोर्टफोलियो में शामिल किया। उनके पास जगसनपाल फार्मा के 11,57,557 शेयर (1.7 फीसदी हिस्सेदारी) और सहरसा इलेक्ट्रॉनिक्स के 564,800 शेयर (2.3 फीसदी हिस्सेदारी) है।
खास बात ये है कि जगसनपाल फार्मा में सितंबर तिमाही में उनकी होल्डिंग इसमें 1.8 फीसदी थी लेकिन दिसंबर तिमाही में यह स्टॉक कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं दिखा था। इसके अलावा मुकुल ने 6 स्टॉक्स में होल्डिंग्स कम की है तो 6 स्टॉक्स में तेज बिकवाली के चलते 1 फीसदी के भी नीचे आ गई है।
इन स्टॉक्स में घटी होल्डिंग
मार्च तिमाही में सिर्फ एक स्टॉक में ही मुकुल अग्रवाल की होल्डिंग बढ़ी है। जोटा हेल्थकेयर (Zota Healthcare) में उनकी होल्डिंग 0.2% फीसदी बढ़कर 8.3% (23,66,989 शेयर) पर पहुंच गई। मार्च तिमाही में मुकुल अग्रवाल की वासा डेंटिसिटी (Vasa Denticity) में होल्डिंग 0.1 फीसदी घटकर 2.5 फीसदी (4.10 लाख शेयर) और वनसोर्स स्पेशल्टी फार्मा (OneSource Specialty Pharma) में भी 0.1 फीसदी घटकर 1.3 फीसदी (15 लाख शेयर) पर आ गई। इसके अलावा वेस्ट कोट पेपर (West Coast Paper) में अब 1.4 फीसदी (9 लाख शेयर), बीएसई (BSE) में 1.2 फीसदी (16 लाख शेयर), प्रकाश पाइप्स में (Prakash Pipes) में 2.4 फीसदी (5,64,500 शेयर) हिस्सेदारी है और इन सभी में दिसंबर तिमाही की तुलना में हिस्सेदारी 0.2-0.2 फीसदी कम हुई है। इस दौरान पर्ल ग्लोबल (Pearl Global) में भी हिस्सेदारी 0.6 फीसदी गिरकर 2 फीसदी (9 लाख शेयर) पर आ गई।
इन स्टॉक्स में 1% से नीचे आई हिस्सेदारी
चूंकि एक फीसदी से कम होल्डिंग का खुलासा कंपनियों के लिए अनिवार्य नहीं होता है तो ऐसे में पक्के तौर पर यह नहीं कह सकते कि एक फीसदी से कम होल्डिंग वाले स्टॉक्स को निवेशक ने पोर्टफोलियो से निकाल दिया है या अभी कुछ शेयर बचे हुए हैं। मुकुल अग्रवाल की दिसबंर तिमाही में सीएट (Ceat) में 1.1 फीसदी, ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन (Dredging Corporation) में 1.6 फीसदी, शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स (Sarda Energy & Minerals) में 1.2 फीसदी, क्विक हील टेक (Quick Heal Tech) में 1.3 फीसदी, एथोस (Ethos) में 1.2 फीसदी हिस्सेदारी थी लेकिन मार्च तिमाही में यह घटकर एक फीसदी के नीचे आ गई।
संक्षेप में मार्च तिमाही में पोर्टफोलियो में बदलाव की डिटेल्स
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।