एक्सिस म्यूचुअल फंड के फ्रंट रनिंग केस में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी तलाशी कर रही है। अधिकारियों के निशाने पर पूर्व फंड मैनेजर वीरेश जोशी से जुड़े ठिकाने हैं। ईडी ने वीरेश जोशी के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला फ्रंट रनिंग से जुड़ा हुआ है। फ्रंट रनिंग एक ऐसा कदम है जिसके तहत फंड मैनेजर ऐसी जानकारियों के आधार पर पहले से ही ट्रेड लेकर फायदा उठाते हैं जो पब्लिक डोमेन में नहीं होती है। चूंकि ये जानकारी आम लोगों के पास नहीं होती है तो वे ट्रेड नहीं ले पाते हैं और फंड मैनैजर फायदा उठा लेते हैं यानी कि बाकी निवेशकों को घाटा होता है और फंड मैनेजर अनुचित तरीके से फायदा उठा लेते हैं।
ईडी वीरेश जोशी से जुड़े ठिकानों की तलाशी ले रही थी। इससे पहले आयकर विभाग ने वीरेश जोशी और कई ब्रोकरों की जांच की थी, जिन पर टैक्स चोरी के आरोप थे। जुलाई 2022 में मुंबई इंवेस्टिगेशन विंग ने मुंबई, अहमदाबाद, वडोदरा, भुज और कोलकाता में 25 से अधिक स्थानों पर तलाशी की थी, जो सभी वीरेश जोशी से जुड़े थे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस मामले में ब्रोकर्स और मिडिएटर्स से भी पूछताछ की थी।
म्यूचुअल फंड बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने हाल ही में फ्रंट रनिंग और फर्जी लेन-देन इत्यादि पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। AMFI ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को व्यापक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म लागू करने का निर्देश दिया है ताकि बाजार में कोई भी गलत काम हो रहा है तो उसका पता लगाया जा सके और उसे रोका जा सके। नियमों के तहत अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को हर हफ्ते मार्केट में किसी दुरुपयोग की आशंका को लेकर अलर्ट जेनेरेट करना होता है। एएमसी को संदेहास्पद अलर्ट से जुड़े ईमेल और चैट इत्यादि की समीक्षा करनी होती है।