बार-बार KYC से परेशान Kotak AMC के एमडी नीलेश शाह, SEBI से किया यह अनुरोध

म्यूचुअल फंडों को समय-समय पर फिर से KYC करनी होती है। इसे लेकर कोटक एएमसी (Kotak AMC) के एमडी नीलेश शाह काफी परेशान दिख रहे हैं। बार-बार एक ही ग्राहक के पहचान की प्रक्रिया फिर से करने को लेकर वह परेशान दिखते हैं। नीलेश शाह ने लिखा कि आखिर कितनी बार केवाईसी की जरूरत है? इसे लेकर उन्होंने सेबी से एक आग्रह किया है

अपडेटेड Mar 30, 2024 पर 10:17 AM
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कोटक एएमसी (Kotak AMC) के एमडी नीलेश शाह ने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स और इंटरमीडियरीज के काम की तारीफ की है और सेबी से आग्रह किया है कि वे एजेंसियों को और बेहतर काम के लिए निर्देश दें।

म्यूचुअल फंडों को समय-समय पर फिर से KYC करनी होती है। इसे लेकर कोटक एएमसी (Kotak AMC) के एमडी नीलेश शाह काफी परेशान दिख रहे हैं। बार-बार एक ही ग्राहक के पहचान की प्रक्रिया फिर से करने को लेकर वह परेशान दिखते हैं। इसे लेकर उन्होंने X (पूर्व नाम Twitter) पर लिखा है कि तीन दशकों से अधिक समय से वह मार्केट में हैं। इस दौरान उन्होंने केवीआई का हर फॉर्म भरा जिसमें बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी शामिल है लेकिन अब इससे जुड़ा कोई मेल आता है तो दिल में दर्द होने लगता है यानी दुख होता है। अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक स्क्रीन शॉट साझा किया है जिसमें सिक्योरिटीज मार्केट के केवीआई नॉर्म्स का जिक्र है।

'आखिर कितनी बार पड़ेगी KYC की जरूरत?'

नीलेश शाह ने लिखा कि आखिर कितनी बार केवाईसी की जरूरत है? उन्होंने इसे लेकर कहा कि केआरए एजेंसियों/ रजिस्ट्रार के बारे में कहा कि वे और अधिक बेहतर काम कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स और इंटरमीडियरीज के काम की तारीफ की है और सेबी से आग्रह किया है कि वे एजेंसियों को और बेहतर काम के लिए निर्देश दें।


 

 

नीलेश शाह की इस पोस्ट पर बहुत रिएक्शन आ रहे हैं। एक निवेशक राजीव मंत्री ने लिखा है कि अगर इंटरमीडिएरीज और पार्टिसिपेंट्स इसी तरह से लालफीताशाही मे जकड़े रहे तो बचत निवेश में कैसी बदल पाएगी? उन्होंने आगे लिखा कि क्या ऐसा भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बन पाएगा? एक यूजर दर्शित पटेल ने लिखा है कि जब म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के सिरमौर नीलेश शाह को ऐसी दिक्कत हो रही है तो निवेशकों और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स कितनी दिक्कतें झेलते होंगे। दर्शित ने लिखा है क्या यूनिवर्सल केवाईसी कॉन्सेप्ट नहीं अपनाया जा सकता है? CARD91 के सीआईओ और को-फाउंडर अजय पांडेय ने तो केवाईसी के लिए NPCI की तरह ही एक अलग बॉडी की जरूरत बताई। अजय का कहना है कि किसी भी रेगुलेटेड बॉडी के लिए केवाईसी सबसे बड़ा बुरा सपना है।

31 मार्च तक KYC का यह काम करना है पूरा

ग्राहकों की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी एक अहम प्रक्रिया है। सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को जिन्होंने कोई ऑफिशियल वैलिड डॉक्यूमेंट्स नहीं दिया है, उन्हें 31 मार्च से पहले तक फिर से केवाई करनी है। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो म्यूचुअल फंड में निवेश जारी नहीं रख पाएंगे। ऑफिशियल वैलिड डॉक्यूमेंट्स में आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड इत्यादि हैं। 31 मार्च के बाद बैंक स्टेटमेंट्स और यूटिलिटी बिल्स वैलिड केवाआई प्रूफ नहीं रह जाएंगे।

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First Published: Mar 30, 2024 9:48 AM

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