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सेबी जल्द ही म्यूचुअल फंड स्कीम को आसान बनाने और भ्रामक सेलिंग को रोकने के लिए जारी करेगा ड्राफ्ट सर्कुलर - सूत्र

SEBI म्यूचुअल फंड स्कीम्स के क्लासिफिकेशन को सरल बनाने के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह ड्राफ्ट पेपर जारी होने की उम्मीद है। इस सरलीकरण का उद्देश्य निवेशकों को उस प्रोडक्ट या स्कीम के बारे में समझाना है जिसमें वे निवेश कर रहे हैं। निवेशकों को अपने निवेश और स्कीम के बार में सही जानकारी उपलब्ध हो सके

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 17, 2025 पर 7:05 PM
सेबी जल्द ही म्यूचुअल फंड स्कीम को आसान बनाने और भ्रामक सेलिंग को रोकने के लिए जारी करेगा ड्राफ्ट सर्कुलर - सूत्र
SEBI का उद्देश्य ये है कि MF स्कीम true to label रहें, ताकि म्यूचुअल फंड आम लोगों को आसानी से समझ में आ सके। अगर लोग स्कीम, रिस्क आदि को नहीं समझेंगे तो उनके लिए निवेश करना मुश्किल हो जाएगा

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India (SEBI) म्यूचुअल फंड स्कीम्स के क्लासिफिकेशन को सरल बनाने के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी कर सकता है। इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह ड्राफ्ट पेपर जारी होने की उम्मीद है। इस सरलीकरण का उद्देश्य निवेशकों को उस प्रोडक्ट या स्कीम के बारे में समझाना है जिसमें वे निवेश कर रहे हैं। निवेशकों को अपने निवेश और स्कीम के बार में सही जानकारी उपलब्ध हो, इसके लिए मार्केट रेगुलेटर होने के नाते सेबी निवेशकों की भलाई के लिए बीच-बीच में इस तरह के कदम उठाता रहता है।

बता दें कि अप्रैल 2025 में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 17वें म्यूचुअल फंड शिखर सम्मेलन में, सेबी के कार्यकारी निदेशक, मनोज कुमार ने कहा था कि सेबी, रेगुलेटर सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए बिजनेस करने को आसान बनाने (ease of doing business) के लिए संपूर्ण म्यूचुअल फंड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की समीक्षा कर रहा है। इसमें निवेशकों के लिए स्कीम क्लासिफिकेशन मानदंडों को अधिक सहज बनाने हेतु उनकी सक्रिय समीक्षा करना शामिल है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना कि सभी ऑफरिंग्स "लेबल के मुताबिक सही" ("true to label") रहें ताकि गलत बिक्री को रोका जा सके।

लेबल के अनुसार सही (true to label) होने का क्या अर्थ है?

वर्तमान में म्यूचुअल फंड की 5 व्यापक कैटैगरी है और लगभग 36 सब कैटेगरियां हैं। हाल ही में एक चिंता यह उठी है कि कई बार म्यूचुअल फंड की स्कीम्स ऐसी होती हैं जिन्हें समझना मुश्किल होता है और भ्रम पैदा होता है। उदाहरण के लिए, अपोर्चुनिटी (Opportunity), डायनैमिक (Dynamic), एमर्जिंग (Emerging) आदि जैसे शब्द निवेशकों को फंड के निवेश के उद्देश्य की पूरी जानकारी नहीं देते हैं और इसकी वजह से भ्रामक बिक्री (mis-selling) हो सकती है।

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