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आपको भी लगा झटका? इस फार्मा कंपनी ने बेच दिया अपना मेन बिजनेस, 20% टूट गया शेयर

Nectar Lifesciences Shares: फार्मा सेक्टर की इस कंपनी ने अपना मुख्य कारोबार ही बेच दिया तो निवेशक चौंक उठे। घबराहट में उन्होंने ताबड़तोड़ शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी जिससे यह 20% टूटकर लोअर सर्किट पर आ गया। आज यह एक साल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। जानिए कि आखिर कंपनी ने अपना मुख्य बिजनेस क्यों बेचा और कितने में?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Jul 08, 2025 पर 4:06 PM
आपको भी लगा झटका? इस फार्मा कंपनी ने बेच दिया अपना मेन बिजनेस, 20% टूट गया शेयर
Nectar Lifesciences Shares: आमतौर पर कंपनियां अपने मुख्य बिजनेस पर फोकस बढ़ाने के लिए जो बाकी बिजनेसेज से बाहर निकलने की स्ट्रैटेजी अपनाती है। हालांकि फार्मा कंपनी नेक्टर लाइफसाइंसेज ने ठीक विपरीत स्ट्रैटेजी अपनाई और अपना कोर बिजनेस ही बेचने का ऐलान कर दिया।

Nectar Lifesciences Shares: आमतौर पर कंपनियां अपने मुख्य बिजनेस पर फोकस बढ़ाने के लिए जो बाकी बिजनेसेज से बाहर निकलने की स्ट्रैटेजी अपनाती है। हालांकि फार्मा कंपनी नेक्टर लाइफसाइंसेज ने ठीक विपरीत स्ट्रैटेजी अपनाई और अपना कोर बिजनेस ही बेचने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान पर शेयरहोल्डर्स घबरा उठे और फटाफट शेयर बेचने लगे। बिकवाली का माहौल इतना गहरा उठा, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि एक भी खरीदार मार्केट में नहीं बचा यानी शेयर लोअर सर्किट पर आ गए। इसके शेयर अभी भी 20% के लोअर सर्किट ₹18.53 पर बने हुए हैं जोकि इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर भी है। आज इसी लेवल पर यह बंद हुआ।

Nectar Lifesciences कितने में बेच रही बिजनेस?

नेक्टर लाइफसाइंसेज ने आज ऐलान किया कि अपना कोर बिजनेस डिविजन Ceph Lifesciences Pvt Ltd को बेचने के लिए इसने डेफिनिटिव ट्रांसफर एग्रीमेंट कर लिया है। यह एग्रीमेंट ₹1270 करोड़ में हुआ है और स्लम्प सेल बेसिस पर यानी कि सभी एसेट्स और लायबिलिटीज की एक साथ बिक्री के लिए सौदा हुआ है। इसके कोर बिजनेस डिवीजन में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) और फॉर्म्यूलेशंस हैं। इसके अलावा कंपनी ने ₹20 करोड़ में अपने मेंथॉल बिजनेस को भी बेचने के लिए Ceph Lifesciences के साथ एसेट पर्चेज एग्रीमेंट (APA) किया है। यह लेन-देन 20 सितंबर, 2025 से पहले तक पूरा होने की उम्मीद है। इस पर 4 अगस्त 2025 को होने वाली EGM (एक्स्ट्रा-ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग) में मौजूदा शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी।

आखिर क्यों बेच रही नेक्टर लाइफसाइंसेज अपना बिजनेस?

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