Nestle Q1 Results: मैगी-किटकैट कंपनी को झटका, जून तिमाही में 13% गिरा मुनाफा तो शेयर धड़ाम

Nestle India Q1 Results: मैगी नूडल्स बनाने वाली नेस्ले इंडिया के लिए चालू वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत कुछ कास नहीं रही। सालाना आधार पर जून तिमाही में इसका रेवेन्यू बढ़ा तो है लेकिन उससे दोगुनी से भी अधिक स्पीड से कंपनी का मुनाफा गिरा है। चेक करें कंपनी के लिए जून तिमाही कैसी रही और शेयरों की क्या स्थिति है?

अपडेटेड Jul 24, 2025 पर 3:59 PM
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Nestle Q1 Results: मैगी (Maggi), किटकैट (Kitkat) और नेस्कैफे (Nescafe) ब्रांड की मालकिन नेस्ले की भारतीय इकाई के लिए जून तिमाही मिली-जुली रही।

Nestle Q1 Results: मैगी (Maggi), किटकैट (Kitkat) और नेस्कैफे (Nescafe) ब्रांड की मालकिन नेस्ले की भारतीय इकाई के लिए जून तिमाही मिली-जुली रही। जून तिमाही में नेस्ले इंडिया का कंसालिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 6% बढ़ा लेकिन इसी दौरान शुद्ध मुनाफा 13% से अधिक गिर गया। इस झटके से शेयर कांप गए और 5% से अधिक टूट गए। आज बीएसई पर यह 5.79% की गिरावट के साथ ₹2320.15 पर बंद हुआ है। हालांकि इंट्रा-डे में यह 5.60% की गिरावट के साथ ₹2310.70 के भाव तक आ गया था। कारोबारी नतीजे के साथ-साथ कंपनी ने ऐलान किया है कि 1 अगस्त से मनीष तिवारी चेयरमैन और एमडी बनेंगे। 31 जुलाई को सुरेश नारायणन रिटायर हो रहे हैं।

Nestle Q1 Results: खास बातें

जून तिमाही में सालाना आधार पर नेस्ले इंडिया का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट 13.4% गिरकर ₹647 करोड़ पर आ गया। हालांकि इस दौरान रेवेन्यू 6% बढ़कर ₹5,096 करोड़ पर पहुंच गया। रेवेन्यू को घरेलू सेल्स से सपोर्ट मिला जो सालाना आधार पर जून तिमाही में 5.5% बढ़कर ₹4,860 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान निर्यात बिक्री भी 16% उछलकर ₹214 करोड़ पर पहुंच गई। टोटल इनकम 5% बढ़कर ₹5,100 करोड़ पर पहुंच गई। प्रोडक्ट सेल्स ₹4,793 करोड़ से बढ़कर ₹5,074 करोड़ और अदर ऑपरेटिंग इनकम ₹21 करोड़ से हल्का सा बढ़कर ₹22 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि अदरन इनकम सालाना आधार पर ₹39 करोड़ से तेजी से फिसलकर ₹4 करोड़ पर आ गया।


जून तिमाही में मुनाफे पर इस कारण पड़ा असर

नेस्ले के मुताबिक कमोडिटी की बढ़ते भाव और हाई ऑपरेशनल खर्चों के चलते प्रॉफिटेबिलिटी पर असर दिखा। ऑपरेशनल एक्सपेंसेज इसलिए बढ़ा क्योंकि कंपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ा रही है। इसके अलावा ऑपरेनशनल कैश फ्लो की जरूरतों के लिए लिए गए शॉर्ट टर्म कर्ज ने भी लागत बढ़ाई है। हालांकि इन दबावों के बीच कंपनी को एडिबल ऑयल और कोको की स्थिर कीमतों और दूध की कीमतों में मामूली तेजी से कुछ राहत मिली। नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और एमडी सुरेश नारायणन ने कहा कि जून तिमाही में कमोडिटी पाउडर्ड और लिक्विड बेवरेज कैटेगरी ने जून तिमाही में भी अपना दम दिखाया और दोहरे अंकों में ग्रोथ रही। उन्होंने कहा कि नेस्कैफ अभी भी कॉफी कैटेगरी में लीडर बनी हुई है और इसका मार्केट में दबदबा बढ़ा भी है।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

नेस्ले के शेयर पिछले साल 27 सितंबर 2024 को ₹2777.00 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह छह महीने से भी कम समय में यह 23.84% फिसलकर 5 मार्च 2025 को ₹2115.00 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।

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