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New Labour Code : नए लेबर कोड से फायदे या नुकसान में रहने वाले शेयर, इन पर बनी रहे नजर

Stocks in focus : नए श्रम कानूनों से GIG वर्कर की लागत बढ़ेगी। QSR और फूड डिलीवरी में 1.5-2.5 रुपए प्रति ऑर्डर लागत बढ़ सकती है। बड़े प्लेटफॉर्म पर श्रम कानूनों के चलते EBITDA पर 4–10 फीसदी का असर संभव है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Nov 24, 2025 पर 11:33 AM
New Labour Code : नए लेबर कोड से फायदे या नुकसान में रहने वाले शेयर, इन पर बनी रहे नजर
New Labour Code : नए लेबर कोड से स्टाफिंग और वर्कफोर्स सॉल्यूशन कंपनियों वाले शेयर दौड़े हैं। टीमलीज सर्विसेज करीब 10 परसेंट दौड़ा है। वहीं क्वेस कॉर्प में भी मजबूती है

New Labor Code : बाजार में निचले स्तरों से हल्की रिकवरी देखने को मिल रही है। निफ्टी 26100 के करीब फ्लैट नजर आ रहा है। वहीं बैंक निफ्टी में हल्की बढ़त है। मिड और स्मॉलकैप में भी सुधार है। उधर INDIA VIX करीब 4 परसेंट नीचे आया है। इससे तेजड़ियों को राहत मिली है। इस बीच नए लेबर कोड से स्टाफिंग और वर्कफोर्स सॉल्यूशन कंपनियों वाले शेयर दौड़े हैं। टीमलीज सर्विसेज करीब 10 परसेंट दौड़ा है। वहीं क्वेस कॉर्प में भी मजबूती है। 21 नवंबर से 4 नए लेबर कोड लागू हो गए हैं। नए कानून से गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सिक्योरिटीज मिलेगी।

नए् कोड के तहत अब 5 साल के बदले 1 साल में ग्रैच्युटी मिलेगी। राइट टू हेल्थ के तहत इनके 25 लाख तक का बीमा कवरेज मिलेगा। 40 साल के ऊपर के लेबर की निशुल्क हेल्थ जांच जरूरी होगी। महिलाओं को रात में काम करने का अधिकार मिलेगा। गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को PF, बीमा और पेंशन लाभ मिलेगा। ओवरटाइम करने पर दोगुना वेतन भी मिलेगा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को न्यूनतम वेतन देना जरूरी होगा।

लेबर कोड के असर पर ब्रोकरेज की राय

नए श्रम कानूनों से GIG वर्कर की लागत बढ़ेगी। QSR और फूड डिलीवरी में 1.5-2.5 रुपए प्रति ऑर्डर लागत बढ़ सकती है। बड़े प्लेटफॉर्म पर श्रम कानूनों के चलते EBITDA पर 4–10 फीसदी का असर संभव है। नए श्रम कानूनों में औपचारिक रोजगार और सोशल सिक्योरिटी पर फोकस किया गया है।

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