Nifty IT Index साल 2024 में अब तक 23% चढ़ा, भारतीय कंपनियों के लिए कैसा रह सकता है 2025

गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में IT सेक्टर के लिए रेवेन्यू ग्रोथ 7 प्रतिशत रहेगी। साल 2023 में Nifty IT इंडेक्स से 24 प्रतिशत रिटर्न मिला था। इनवेस्टेक ने अपने नोट में लिखा है कि कम ग्रोथ के बावजूद IT स्टॉक, निफ्टी 50 इंडेक्स के मुकाबले पीक प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं

अपडेटेड Dec 30, 2024 पर 6:06 PM
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गोल्डमैन सैक्स नए साल 2025 में भारतीय IT सेक्टर के लिए पॉजिटिव है।

30 दिसंबर को IT स्टॉक चर्चा में रहे। Nifty IT Index 0.57 प्रतिशत बढ़ा। इसकी वजह है अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वर्कर वीजा पर बदला रुख। पहले इस वीजा की खिलाफत करते रहे ट्रंप अब इसे सपोर्ट करते हुए अरबपति एलॉन मस्क के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने H-1B वीजा को एक शानदार प्रोग्राम बताया है। ट्रंप प्रशासन ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ऐसे नियम लागू किए थे, जिससे हर साल जारी किए जाने वाले H-1B वीजा की संख्या में कमी आती। हालांकि, उन नियमों को अदालत में खारिज कर दिया गया।

पूरे साल 2024 के दौरान IT स्टॉक्स की परफॉरमेंस की बात करें तो अब तक Nifty IT Index 23 प्रतिशत चढ़ चुका है। साल 2023 में इस इंडेक्स से 24 प्रतिशत रिटर्न मिला था। 2017 के बाद से 2022 एकमात्र ऐसा वर्ष रहा है, जिसमें Nifty IT Index ने निगेटिव रिटर्न दिया। 2020 और 2021 में इंडेक्स में लगभग 60% की वृद्धि देखी गई थी।

2025 में भारतीय IT कंपनियों के लिए क्या?


गोल्डमैन सैक्स नए साल 2025 में भारतीय आईटी सेक्टर के लिए पॉजिटिव है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में इस सेक्टर के लिए रेवेन्यू ग्रोथ 7 प्रतिशत रहेगी। इस साल यह ग्रोथ 4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2024 में 1.5 प्रतिशत है। गोल्डमैन सैक्स के अनुमान के पीछे ये फैक्टर हैं...

- अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती। भारतीय आईटी के रेवेन्यू में अमेरिकी अर्थव्यवस्था का योगदान लगभग 60% है।

- BFSI, कंज्यूमर और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स के लिए पॉजिटिव आउटलुक

- गोल्डमैन सैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी बैंकों की सकारात्मक टिप्पणी

- Accenture के नतीजे

- आईटी स्पेंडिंग सर्वे से आईटी स्पेंडिंग आउटलुक में सुधार

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गोल्डमैन सैक्स ने इस बात का जताया डर

ब्रोकरेज का यह भी मानना है कि कुछ कंपनी स्पेसिफिक फैक्टर, रेवेन्यू और मार्जिन को प्रभावित करेंगे। BSNL डील में कमी आने के कारण TCS के रेवेन्यू में बाधा आ सकती है और LTIMindtree की वेतन वृद्धि का भी असर हो सकता है। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, हालांकि इनमें से अधिकांश दबाव जनवरी 2025 के मध्य तक बाजार अनुमानों में रहने की संभावना है। ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि यूरोप भारतीय आईटी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस सेक्टर की हाई वैल्यूएशन से मुनाफा सीमित रह सकता है।

इनवेस्टेक का क्या है मानना

भारतीय आईटी सेक्टर की अब तक की चाल ने ब्रोकरेज फर्म इनवेस्टेक के लिए रिस्क-रिवॉर्ड को प्रतिकूल बना दिया है। ब्रोकरेज का मानना है कि आय में मामूली गिरावट का डर अभी भी है। इनवेस्टेक ने अपने नोट में लिखा है कि कम ग्रोथ के बावजूद आईटी स्टॉक, निफ्टी 50 इंडेक्स के मुकाबले पीक प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। स्टॉक्स में जेनसर और केपीआईटी टेक जैसे नाम इनवेस्टेक की पहली पसंद हैं।

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