IT कंपनियों के शेयर धड़ाम, निफ्टी आईटी इंडेक्स 3% टूटा, एक बयान से धड़ाधड़ स्टॉक बेचने लगे निवेशक

IT Stocks: निफ्टी आईटी इंडेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 2.7 प्रतिशत गिर गया। निफ्टी आईटी इंडेक्स में कुल 10 शेयर हैं और सभी शेयर 2 से 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के शेयरों में 2-4 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं कोफोर्ज, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, L&T टेक्नोलॉजी सर्विसेज और एमफैसिस सहित बाकी मिडकैप आईटी शेयरों में 1-2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई

अपडेटेड Nov 18, 2024 पर 8:45 PM
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IT Stocks: अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली

IT Stocks: आईटी शेयरों में सोमवार 18 नवंबर को भारी गिरावट आई। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान करीब 1,300 अंक या 3 फीसदी तक लुढ़क गया। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान के बाद आई। पॉवेल ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती करने में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है। यह बयान भारतीय आईटी कंपनियों के लिए एक झटका है, जो लंबे समय से अमेरिकी में ब्याज दरें घटने की आस लगाए बैठी हैं। पॉवेल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी में महंगाई दर अभी भी 2 प्रतिशत के लक्ष्य के ऊपर है।

सुबह 10:10 बजे, निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 2.7 प्रतिशत गिरकर कारोबार कर रहा था। निफ्टी आईटी इंडेक्स में कुल 10 शेयर हैं और सभी शेयर 2 से 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के शेयरों में 2-4 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं कोफोर्ज, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, L&T टेक्नोलॉजी सर्विसेज और एमफैसिस सहित बाकी मिडकैप आईटी शेयरों में 1-2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

जेरोम पॉवेल ने 14 नवंबर को डलास में कहा कि केंद्रीय बैंक को ब्याज दरें कम करने के लिए "जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है"। इस बयान से अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। नैस्डैक कंपोजिट 2 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया, जो पिछले दो हफ्ते के दौरान एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी।


भारतीय आईटी कंपनियों की रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। ऐसे में अमेरिका में ब्याज दरें ऊंची रहने से इन कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही ब्याज दरें ऊंची रहने से भारत जैसे उभरते बाजार विदेशी निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो जाते हैं। हालांकि इससे पहले आईटी कंपनियों के शेयरों में पिछले 2 हफ्तों से तेजी देखी जा रही थी। यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद आई थी। माना जा रहा था कि ट्रंप की नीतियां आईटी कंपनियों को फायदा पहुंचा सकती हैं।

ब्याज दरों से जुड़ी चिंताओं के अलावा, विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली और अमेरिकी सरकार की ओर से खर्चों में कटौती की संभावना भी बाजार में घबराहट बढ़ा रही है। कोटक सिक्योरिटीज के रिसर्च वाइस-प्रेसिडेंट, सुमित पोखरना ने कहा, "आईटी शेयरों में बड़े निवेश वाले विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) बिकवाली कर रहे हैं, जिससे गिरावट का दबाव बढ़ रहा है।

इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी की अगुआई में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) बनाने का ऐलान किया है। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस डिपार्टमेंट का उद्देश्य सरकार के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और सरकारी खर्च को कम से कम 2 लाख करोड़ डॉलर तक कम करना है।

पोखरना ने कहा, "अगर यह लागू हुआ तो यह आईटी सेक्टर सहित तमाम सेक्टर्स पर नेगेटिव असर डाल सकता है। हालांकि अभी यह अटकलबाजी ही है, लेकिन फिलहाल सेंटीमेंट नेगेटिव है।"

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