घरेलू दवा कम्पनियां 3 अप्रैल के ट्रेड में राहत की सांस लेती नजर आ रही है। जबकि दूसरे सेक्टरों में तेज बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। व्हाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित रिसीप्रोकल टैरिफ से दवा उत्पादों को बाहर रखा है। इसके चलते फार्मा शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है।
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को कई अमेरिकी ट्रेड साझेदारों पर अपनी टैरिफ योजना लागू कर दी। 2 अप्रैल को 'मुक्ति दिवस' के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। ट्रंप की टैरिफ योजना के तहत भारत पर 26 प्रतिशत का "रियायती" टैरिफ लगाया गया। यह उस 52 फीसदी का आधा है जो भारत कथित तौर पर अमेरिका पर लगाता है। इसमें करेंसी मैनीपुलेशन और ट्रेड बैरियर शामिल हैं। इसके अलावा,व्हाइट हाउस ने यह भी कहा है कि यह टैरिफ संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर लगाए जाने वाले 10 फीसदी बेस आयात शुल्क के अतिरिक्त है।
हालांकि, व्हाइट हाउस फैक्टशीट के मुताबिक अमेरिका में सभी फार्मा आयात रिसीप्रोकल टैरिफ से मुक्त हैं। इस दस्तावेज़ में कहा गया है कि कुछ सामान रिसीप्रोकल टैरिफ में शामिल नहीं होंगे। इनमें तांबा,फार्मास्यूटिकल्स,सेमीकंडक्टर और लकड़ी के सामान शामिल हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात की जाने वाली दवाएं मुख्य रूप से जेनेरिक फ़ॉर्म्यूलेशन हैं। इन पर टैरिफ लगाने से अमेरिकी नागरिकों तक दवा की पहुंच और महंगी हो जाएगी। नतीजतन, इस सेक्टर पर टैरिफ लगाए जाने की संभावना नहीं है।
हांगकांग स्थित ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का कहना है कि निवेशकों की बढ़ती आशंकाओं के कारण लगातार बिकवाली का दबाव झेलने वाले निफ्टी फार्मा इंडेक्स में उछाल देखने को मिल सकता है। पिछले छह महीनों में, फार्मा इंडेक्स में लगभग 10 फीसदी की गिरावट आई है। सुबह 9.20 बजे के आपास निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 4.4 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल रही थी। ग्लैंड फार्मा, अरबिंदो फार्मा और डॉ रेड्डीज लैब्स इस सेक्टोरल इंडेक्स के टॉप गेनर बन कर उभरे हैं। इनमें 10 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है।
एक नोट में, अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज जेफरीज ने भारत की जेनेरिक फार्मा कंपनियों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि अमेरिका में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के कारण यह सेक्टर ट्रंप प्रशासन की किसी भी गंभीर कार्रवाई से बच सकता है। हालांकि ज़ाइडस और डॉ रेड्डीज जैसी कुछ कंपनियां ज्यादा अमेरिकी एक्सपोजर के कारण कुछ कमजोर नजर आ रही हैं।
हाल ही में,अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फार्मा आयात पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया था और विदेशी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन इकाई लगाने के लिए कहा था। हालांकि,जेफरीज के एक नोट के मुताबिक जेनेरिक फार्मा पर बड़े टैरिफ नहीं लगाए जा सकते हैं,क्योंकि यह सेगमेंट अमेरिका में दवाओं की कीमतों को कम करने में सहायक रहा है। नोट में कहा भी कहा गया है कि अमेरिका केंद्रित जेनेरिक फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी आने की संभावना है।
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