बुधवार को भारतीय शेयर बाज़ारों में लगातार छठे कारोबारी सत्र में बढ़त का सिलसिला जारी रहा, जिसकी वजह रही नकदी का मज़बूत प्रवाह। हालांकि, इस तेजी के पीछे एक बड़ी चिंता छिपी है। वह है बाजार का महंगा वैल्यूएशन। निफ्टी 500 कंपनियों में से लगभग 60 फीसदी कंपनियां अपने 10 साल के औसत से ऊपर के फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) मल्टिपल पर कारोबार कर रही हैं। खुद इस इंडेक्स का वैल्यूएशन एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग के 21.92 गुना पर है, जो इसके लॉन्ग टर्म एवरेज 19.6 से काफी ज्यादा है।