NSE ने रिटेल एल्गो स्ट्रेटेजी के रजिस्ट्रेशन के नियम जारी किए, रिटेल इनवेस्टर्स भी कर सकेंगे एल्गो ट्रेडिंग

एनएसई ने रिटेल एल्गो स्ट्रेटेजी के रिजस्ट्रेशन के नियमों के बारे में बताने के लिए 22 जुलाई को सर्कुलर जारी किया । इसमें एनएसई ने कहा है कि सभी एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। हर स्ट्रेटेजी को एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन दिया जाएगा

अपडेटेड Jul 24, 2025 पर 12:36 PM
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रिटेल एल्गो ट्रेडिंग के नए नियम 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे।

एनएसई ने एल्गो प्रोवाइडर्स और रिटेल एल्गो के रजिस्ट्रेशन के लिए तौर-तरीके इश्यू कर दिए हैं। दरअसल, सेबी और स्टॉक एक्सचेंज एल्गो ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स के पार्टिसिपेशन के लिए सही माहौल तैयार करना चाहते हैं। एनएसई ने इस बारे में 22 जुलाई को सर्कुलर जारी किया है। इसमें एनएसई ने कहा है कि सभी एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। हर स्ट्रेटेजी को एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन दिया जाएगा। रिटेल एल्गो ट्रेडिंग के नए नियम 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे।

सभी एल्गो प्रोवाइडर्स को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा

एनएसई को रिवाइज्ड यूनिक आइडेंटिफिकेशन मैकेनिज्म के जरिए क्लाइंट डायरेक्ट एपीआई से एल्गो ऑर्डर्स का पता लगाने में मदद मिलेगी। सभी एल्गो प्रोवाइडर्स को अपने एल्गो प्रोडक्ट का रजिस्ट्रेशन कराने से पहले खुद को रजिस्टर्ड करान होगा। एल्गो स्ट्रेटेजी का अप्लिकेशन और रजिस्ट्रेशन एक ट्रेडिंग मेंबर के जरिए होगा। उसके बाद एक्सचेंज एल्गो आईडी एलॉट कर सकता है।


रिटेल ट्रेडर्स को नई कैटेगरी के तहत एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा मिलेगी

NSE के सर्कुलेर में कहा गया है, "एल्गो स्ट्रेटेजी चाहे ट्रेडिंग मेंबर (इन-हाउस) की तरफ से डेवलप की गई है या एल्गो प्रोवाइडर्स की तरफ से डेवलप की गई है या पहले से इमपैनल्ड वेंडर्स की तरफ से डेवलप की गई है, ट्रेडिंग मेंबर को एक्सचेंज के पास रजिस्ट्रेशन का अप्लिकेशन सब्मिट करना होगा।" रिटेल इनवेस्टर्स को एल्गो का एक्सेस देने के सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, मेंबर्स को एक नई कैटेगरी 'क्लाइंट डायरेक्ट एपीआई'के जरिए क्लाइंट को एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा देनी होगी।

ट्रेडिंग मेंबर को ऑर्डर की लिमिट जांचने के लिए सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा

ट्रेडिंग मेंबर को टेक सेवी क्लाइंट कैटेगरी के लिए एक्सचेंज के यूसीआई पोर्टल पर PAN और यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) को डिसक्लोज करना होगा। ट्रेडिंग मेंबर को एक ऐसे सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा जो यह पहचान करेगा और सुनिश्चित करेगा कि क्लाइंट की तरफ से भेजा गया ऑर्डर तय सीमा के नीचे है या ऊपर है। साथ ही वह सिस्टम एक्सचेंज को भेजे जाने वाले ऑर्डर में एल्गो आईडी टैग करेगा।

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ब्रोकर अपने सिस्टम से निकलने वाले ऑर्डर्स के लिए जिम्मेदार होगा

ब्रोकर्स उसके एपीआई/एल्गो प्रोवाइडर सिस्टम्स से निकलने वाले सभी ऑर्डर्स के लिए जिम्मेदार होगा। यह सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी होगी कि सिर्फ उन क्लाइंट्स को API/एल्गो प्रोवाइडर फैसिलिटी के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए जो सभी शर्तें पूरी करते हैं। एनएसई अपनी वेसबाइट पर सभी रजिस्टर्ड एल्गो प्रोवाइडर्स की अपडेटेड लिस्ट मेंटेन करेगा।

MoneyControl News

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First Published: Jul 24, 2025 12:27 PM

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