नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर रजिस्टर्ड निवेशक खातों की कुल संख्या 22 करोड़ के मार्क को पार कर गई है। इन खातों को यूनीक क्लाइंट कोड्स (UCC) के जरिए पहचाना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि 2 करोड़ खाते केवल 6 महीनों के अंदर एड हुए। अक्टूबर 2024 में NSE पर रजिस्टर्ड निवेशक खातों की संख्या 20 करोड़ को पार कर गई थी। यह वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद शेयर बाजार में भागीदारी में निवेशकों की लगातार दिलचस्पी को दर्शाता है।
UCCs क्लाइंट रजिस्ट्रेशन के क्यूमुलेटिव नंबर को दर्शाते हैं। निवेशक को कई ट्रेडिंग मेंबर्स के साथ रजिस्ट्रेशन की इजाजत है। NSE ने बयान में कहा कि चूंकि निवेशक विभिन्न दलालों के साथ खाते रख सकते हैं, इसलिए वे कई UCC के साथ जुड़े हो सकते हैं।
31 मार्च, 2025 तक NSE पर यूनीक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 11.3 करोड़ थी। वहीं जनवरी में आंकड़ा 11 करोड़ से ऊपर था। नए ट्रेडिंग अकाउंट्स में वृद्धि में मोबाइल ट्रेडिंग के बढ़ते इस्तेमाल, वित्तीय जागरूकता में बढ़ोतरी, और ऑनबोर्डिंग की तेज हुई प्रक्रियाओं का हाथ है।
किस राज्य से सबसे ज्यादा निवेशक
सबसे ज्यादा 3.8 करोड़ इनवेस्टर अकाउंट महाराष्ट्र से हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश से 2.4 करोड़, गुजरात से 1.9 करोड़, राजस्थान से 1.3 करोड़ और पश्चिम बंगाल से 1.3 करोड़ अकाउंट हैं। इस तरह कुल रजिस्टर्ड इनवेस्टर अकाउंट्स में से लगभग आधे इन 5 राज्यों से हैं। निफ्टी 50 ने पिछले 5 वर्षों में 22% सालाना का रिटर्न दिया है। वहीं व्यापक निफ्टी 500 ने 25% सालाना का रिटर्न दिया है।
11 अप्रैल को NSE निफ्टी 429.40 अंक या 1.92 प्रतिशत बढ़कर 22,828.55 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 524.75 अंक बढ़कर 22,923.90 पर पहुंच गया था। भारत समेत विभिन्न देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ की हाई रेट को तीन महीनों के लिए टालने के अमेरिकी सरकार के फैसले से शेयर बाजार में तेजी आई। इन 3 महीनों के दौरान चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों को 10 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ देना होगा।