स्टॉक मार्केट में निवेश इत्यादि से जुड़ी सलाह के लिए अब ट्रेडर्स से एडवाइजर, कैपिटल मैनेजर और फंड मैनेजर इत्यादि के रूप में सलाह नहीं मिल पाएगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने ट्रेडर्स को इन टाइटल्स का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया है। एनएसई ने 61 शब्दों का इस्तेमाल करने से ट्रेडर्स को रोक दिया है जिनकी पूरी सूची नीचे दी जा रही है। एनएसई के मुताबिक ट्रेडिंग मेंबर/ऑथराइज्ड पर्सन को सिर्फ एंटिटी के रजिस्ट्रेशन के हिसाब से अपना टाइटल पेश करना चाहिए और किसी भी तरीके से रौब जमाने के लिए ऐसे शब्द नहीं इस्तेमाल करने चाहिए, जिसके लिए एंटिटी रजिस्टर्ड नहीं है।
NSE ने क्यों लिया यह फैसला
एनएसई के मुताबिक यह फैसला निवेशकों को गुमराह होने से बचाने के लिए लिया गया है। एनएसई का मानना है कि ट्रेडिंग मेंबर्स या ऑथराइज्ड पर्सन्स सूची के 61 शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो निवेशक इससे गुमराह होते हैं जबकि उन्हें सिर्फ ब्रोकिंग सर्विसेज की मंजूरी मिली है। हालांकि एक्सचेंज का यह भी कहना है कि अगर सेबी या अन्य किसी नियामक से वे इस प्रकार की सेवाओं यानी 61 शब्दों से जुड़ी सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं तो वे इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
31 मार्च तक आदेशों के पालन का निर्देश
NSE ने 61 शब्दों की लिस्ट तो पेश की है लेकिन यह भी कहा कि यह सिर्फ उदाहरण (इलस्ट्रटिव) के लिए है और पूरी (इग्जॉस्टिव) नहीं है। एनएसई ने ट्रेडर्स से इन निर्देशों का पालन करने को कहा है और कहा है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ 31 मार्च तक निर्देशों का पालन हो जाना चाहिए। इसका मतलब हुआ कि एनएसई ने 61 शब्दों की जो लिस्ट तैयार की है तो इसका इस्तेमाल करने वाले ट्रेडर्स को 31 मार्च तक इसका रजिस्ट्रेशन करा लेना होगा, नहीं तो इसे छोड़ना होगा। नीचे इन नामों यानी नॉन-पर्मिसबल शब्दों की पूरी सूची दी जा रही है-