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NSE के शेयरों में बढ़ रही इनवेस्टर्स की दिलचस्पी, जून में स्टॉक का औसत प्राइस 3000 रुपये पहुंचा

जून में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम 312 रुपये था। मई में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम प्राइस 1,755 रुपये था। ब्रोकर्स का कहना है कि ऐसा लगता है कि ट्रांजेक्शन टैक्स से बचने के लिए किया गया होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 12, 2023 पर 1:47 PM
NSE के शेयरों में बढ़ रही इनवेस्टर्स की दिलचस्पी, जून में स्टॉक का औसत प्राइस 3000 रुपये पहुंचा
एनएसई का डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म दुनिया में नंबर वन है। पिछले पांच साल में एनएसई के शेयर रखने वाले अमीर निवेशकों की संख्या काफी बढ़ी है। FY21 के अंत में मुश्किल से 650 लोगों के पास एनएसई के शेयर थे। अब यह संख्या बढ़कर 4,300 हो गई है।

जून में NSE के करीब 56.3 लाख शेयरों के सौदे हुए। ये सौदे प्रति शेयर 3,019.41 रुपये की औसत कीमत पर हुए। हालांकि, जून में ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई, लेकिन पांच महीनों के बाद औसत कीमत 3,000 रुपये से ऊपर बना रहा। जून में विदेशी निवेशकों ने एनएसई के शुद्ध रूप से 22.30 लाख शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों ने करीब 28.61 लाख शेयर खरीदे। नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI) इनवेस्टर्स ने करीब 6.31 लाख शेयर बेचे। यह एक महीना पहले देखे गए ट्रेंड की तरह है। तब विदेशी निवेशकों और NRI ने शुद्ध रूप से बिकवाली की थी, जबकि घरेलू निवेशकों ने खरीदारी की थी।

जून में शेयर का प्राइस 3800 रुपये पहुंचा

जून में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम 312 रुपये था। मई में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम प्राइस 1,755 रुपये था। ब्रोकर्स का कहना है कि ऐसा लगता है कि ट्रांजेक्शन टैक्स से बचने के लिए किया गया होगा।

IPO की उम्मीद में बढ़े थे शेयर के प्राइस

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