OLA Electric Business Strategy: ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। ग्रे मार्केट से कमजोर संकेतों के बीच इसकी लगभग फ्लैट लिस्टिंग हुई लेकिन फिर लगातार दो दिन इसमें अपर सर्किट लगा। इसके बाद भी शेयरों की रफ्तार बनी रही। अब आगे की बात करें तो कंपनी का फोकस मार्जिन सुधारने पर है। कंपनी के चेयरमैन और एमडी भाविश अग्रवाल ने 14 अगस्त को ये बातें जून तिमाही के नतीजे आने के बाद कही। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में ओला इलेक्ट्रिक का घाटा और बढ़ा है लेकिन रेवेन्यू में बढ़ोतरी हुई है।
कैसी रही OLA Electric की जून तिमाही
ओला इलेक्ट्रिक की कारोबारी स्ट्रैटेजी पर आगे बढ़ने से पहले इसके नतीजे देख लेते हैं। ओला इलेक्ट्रिक को जून तिमाही में 347 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि पिछले साल इसे 267 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। हालांकि इस दौरान रेवेन्यू 32.3 फीसदी उछलकर 1644 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। EBITDA की बात करें तो इसका घाटा 218 करोड़ रुपये से घटकर 205 करोड़ रुपये पर आ गया। एडजस्टेड ग्रॉस मार्जिन रेवेन्यू के 21.94 फीसदी पर रहा जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 13.21 फीसदी पर था। यह 377 करोड़ रहा।
IPO के बाद अब ये है ओला इलेक्ट्रिक की स्ट्रैटेजी
ओला इलेक्ट्रिक के चेयरमैन ने नतीजे के बाद कहा कि अभी तक कंपनी का फोकस आईपीओ पर रहा। अब इसका फोकस मार्जिन सुधारने पर रहेगा। भाविश अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ईवी के सभी पार्ट्स यहीं बनाने पर जोर दे रही है जिससे मार्जिन को सुधारने में मदद मिल रहा है और यही कंपनी की स्ट्रैटेजी है। अब कंपनी सेल मैनुफैक्चरिंग पर जोर दे रही है जिससे इसके मार्जिन को सपोर्ट मिलेगा। कंपनी ने गीगा फैक्ट्री के पहले चरण में 400 करोड़ रुपये निवेश कर दिए हैं। इसके अलावा आईपीओ के कुछ पैसों का भी इस्तेमाल क्षमता बढ़ाने में होगा। वित्त वर्ष 2024 में देश के दोपहिया मार्केट में मोटरसाइकिल की हिस्सेदारी 64 फीसदी है। इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल की हिस्सेदारी इसमें 1 फीसदी से भी कम है और ओला इलेक्ट्रिक इसी को भुनाने की कोशिश में है। ईवी मार्केट में ओला इलेक्ट्रिक की हिस्सेदारी 84 फीसदी है।