सोशल मीडिया पर लोकप्रिय ट्रेडर्स पीआर सुंदर (PR Sundar), उनकी कंपनी मनसुन कंसल्टिंग और को-प्रमोटर मंगयारकरसी सुंदर ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के साथ समझौता कर लिया है। इन तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी कि ये SEBI के पास रजिस्ट्रेशन कराए बिना लोगों को इनवेस्टमेंट से जुड़ी एडवाइजरी सर्विस मुहैया करा रहे हैं। समझौते के तहत तीनों ने सेटलमेंट ऑर्डर पास की होने की तारीख से अगले एक साल शेयरों की खरीद, बिक्री या दूसरी डील्स से दूर रहने पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होने एक सेटलमेंट राशि का भुगतान करने, और करीब 6 करोड़ रुपये लौटाने पर भी सहमति जताई है, जिसमें एडवाइजरी सर्विस से कमाए मुनाफे और मुनाफे पर ब्याज भी शामिल है।
यह सेटलमेंट ऑर्डर 25 मई को पास किया गया है। ऑर्डर के तहत तीनों में से प्रत्येक को सेटलमेंट राशि के तौर पर 15,60,000 करोड़ रुपये देने हैं, जो कुल 46,80,000 रुपये होता है। वहीं उन्हें कुल 6,07,69,863 करोड़ रुपये लौटाने हैं, जिसमें 1 जून 2020 की तारीख से 12 फीसदी ब्याज भी शामिल है।
SEBI के आदेश के अनुसार, मार्केट रेगुलेटर को बाकी बातों के अलावा दो ऐसे मामले मिले थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पीआर सुंदर सेबी से जरूरी रजिस्ट्रेशन लिए बिना एडवाइजरी सेवाएं दे रहे थे।
आदेश में कहा गया है, "जांच करने पर, यह पाया गया कि आवेदक नं. 2 (पीआर सुंदर) एक वेबसाइट www.prsundar.blogspot.com चलाता था, जिसके जरिए वह एडवाइजरी सेवाएं देने के लिए विभिन्न पैकेज ऑफर कर रहा था। सेवाओं के बदल में ली गई फीस को आवेदक संख्या. 1 मंसन कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते से जुड़े पेमेंट गेटवे के जरिए रिसीव किया गया था।"
पीआर सुंदर और मंगयारकरसी सुंदर ने मिलकर 30 जून 2017 को 'मंसन कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड' की स्थापना की थी। दोनों 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ इसके प्रमोटर हैं। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शिकायत मिलने के बाद 17 मई 2022 को तीनों को कारण बताओ नोटिस और 8 नवंबर 2022 को एक संप्लीमेंट्री कारण बताओ नोटिस जारी किया था।