MTR Foods और Eastern Condiments का मालिकाना हक रखने वाली ओर्कला इंडिया लिमिटेड आज, 6 नवंबर को शेयर बाजार में लिस्ट हो गई। शेयर ने 3 प्रतिशत प्रीमियम के साथ BSE पर 751.50 रुपये पर शुरुआत की। इसके बाद 755 रुपये के हाई और 693.35 रुपये के लो तक गया। NSE पर शेयर 750.10 रुपये पर लिस्ट होने के बाद 760 रुपये के हाई और 692.55 रुपये के लो तक गया। कारोबार बंद होने पर शेयर BSE पर लिस्टिंग प्राइस से 5 प्रतिशत गिरावट के साथ 713.40 रुपये पर सेटल हुआ। NSE पर शेयर 05.48 प्रतिशत गिरावट के साथ 709 रुपये पर सेटल हुआ।
इसका 1,667.54 करोड़ रुपये का IPO 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच खुला था। यह 48.74 गुना भरा था। ओर्कला इंडिया, नॉर्वे की इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट कंपनी Orkla ASA का इंडिया बिजनेस है। इसकी विदेशी प्रमोटर ओर्कला एशिया पैसिफिक पीटीई है, जो Orkla ASA की रीजनल यूनिट है। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कारोबार संभालती है।
ओर्कला इंडिया मसालों, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट बेचती है। इसके पोर्टफोलियो में लगभग 400 आइटम हैं। इसकी कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अच्छी मौजूदगी है।इसका IPO 2.28 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल था। कंपनी के लिस्टेड कॉम्पिटीटर्स में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल है।
लिस्टिंग के बाद क्या करें निवेशक
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में फंडामेंटल रिसर्च–इनवेस्टमेंट सर्विसेज के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी का कहना है, "अपर प्राइस बैंड पर, कंपनी की वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2026 की सालाना आय के 31.5 गुना के P/E पर है। IPO के बाद का मार्केट कैप लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, लॉन्ग टर्म व्यू के साथ इस शेयर को होल्ड कर सकते हैं।"
मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे कहते हैं, "वर्तमान सुस्त मार्केट सेंटिमेंट को देखते हुए, हमें इश्यू प्राइस पर लगभग 10-12 प्रतिशत के अच्छे लिस्टिंग गेन की उम्मीद है, जो पहले के अनुमानों के अनुरूप है। एमटीआर और ईस्टर्न जैसे मजबूत ब्रांड वाली ओर्कला इंडिया एक आकर्षक लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी पेश करती है।"
तापसे ने आगे कहा कि मजबूत सब्सक्रिप्शन कंपनी के फंडामेंटल्स में निवेशकों के विश्वास और प्रमुख दक्षिणी बाजारों में कन्वीनिएंस फूड प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग से फायदा उठाने की इसकी क्षमता को दर्शाती है। जिन निवेशकों को शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें तापसे की सलाह है कि वे लॉन्ग टर्म के लिहाज से शेयर अपने पास रखें। जिन्हें शेयर नहीं मिले हैं, वे लिस्टिंग के बाद करेक्शन के लिए 'वेट एंड वॉच' अप्रोच अपना सकते हैं।
चॉइस इक्विटी के मुताबिक, ओर्कला इंडिया अपने कॉम्पिटीटर्स के मुकाबले डिस्काउंट पर कारोबार कर रही है। इसका ट्रेलिंग P/E यानि कि प्राइस टू अर्निंग्स रेशियो लगभग 38.1 गुना है, यानि कि कंपनी का शेयर उसके पिछले 12 महीनों की कमाई के लगभग 38 गुना पर ट्रेड कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 का P/E लगभग 31.7 गुना है। ब्रोकरेज ने आगे कहा, "हालांकि वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध मुनाफे में गिरावट आई, लेकिन यह गिरावट मुख्य रूप से वन टाइम टैक्स एडजस्टमेंट के कारण थी। दोबारा गिरावट की संभावना नहीं है। कंपनी को मजबूत ब्रांड इक्विटी, लो लीवरेज और मजबूत रिटर्न का फायदा मिलता है। इनवेस्टेड कैपिट पर रिटर्न लगभग 30.8% और इक्विटी पर रिटर्न लगभग 10.4% है।
ओर्कला इंडिया का अप्रैल-जून 2025 में शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत बढ़कर 78.9 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले मुनाफा 71.9 करोड़ रुपये था। रेवेन्यू 6 प्रतिशत बढ़कर 597 करोड़ रुपये हो गया, जो जून 2024 तिमाही में 563.5 करोड़ रुपये था। ओर्कला इंडिया का लक्ष्य ब्रांड इनोवेशन, R&D पर बेहतर निवेश और निर्यात बढ़ाने पर अधिक फोकस करके बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना है। कंपनी की रणनीति भारत में पैकेज्ड और कन्वीनिएंस फूड्स की बढ़ती मांग का फायदा उठाने के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में प्रवासी भारतीयों के बीच बढ़ती खपत को पूरा करने पर केंद्रित है।
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