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पेंट कंपनियों के शेयरों में आया तेजी का समय? ICICI सिक्योरिटीज ने 4 साल बाद बढ़ाई रेटिंग, जानें टारगेट प्राइस

Paint Stocks: ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने करीब 4 सालों के लंबे अंतराल के बाद पेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनियों से अपनी नेगेटिव राय को हटा लिया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में इंडस्ट्री की ग्रोथ फिर से रफ्तार पकड़ेगी। इसी उम्मीद के साथ ICICI सिक्योरिटीज ने एशियन पेंट्स (Asian Paints) और बर्जर पेंट्स (Berger Paints) की रेटिंग को अब 'रेड्यूस (Reduce)' से बढ़ाकर 'ऐड (Add)' कर दिया है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Jul 01, 2025 पर 3:07 PM
पेंट कंपनियों के शेयरों में आया तेजी का समय? ICICI सिक्योरिटीज ने 4 साल बाद बढ़ाई रेटिंग, जानें टारगेट प्राइस
Paint Stocks: ICICI सिक्योरिटीज ने एशियन पेंट्स का टारगेट प्राइस बढ़ाकर 2,700 रुपये प्रति शेयर कर दिया है

Paint Stocks: ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने करीब 4 सालों के लंबे अंतराल के बाद पेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनियों से अपनी नेगेटिव राय को हटा लिया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में इंडस्ट्री की ग्रोथ फिर से रफ्तार पकड़ेगी। इसी उम्मीद के साथ ICICI सिक्योरिटीज ने एशियन पेंट्स (Asian Paints) और बर्जर पेंट्स (Berger Paints) की रेटिंग को अब 'रेड्यूस (Reduce)' से बढ़ाकर 'ऐड (Add)' कर दिया है। ब्रोकरेज ने एशियन पेंट्स का टारगेट प्राइस 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,700 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। वहीं, बर्जर पेंट्स को इसने 650 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो पहले 515 रुपये था।

ब्रोकरेज ने इस वजह से नहीं दी 'BUY' रेटिंग

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि उसने इन दोनों शेयरों को "Buy" की जगह "Add" इसलिए दी है क्योंकि पेंट इंडस्ट्री में कॉम्पिटीशन का माहौल काफी बदल चुका है। FY24 की चौथी तिमाही में पेंट इंडस्ट्री में एक नई कंपनी, बिरला ओपस (Birla Opus) की एंट्री हुई। ICICI सिक्योरिटीज ने कहा कि यह कंपनी आने वाले 3 सालों में करीब 10% मार्केट शेयर हासिल कर सकती है। इसके अलावा JSW पेंट्स और अक्जो नोबेल इंडिया मिलकर तीसरे स्थान के लिए कंसाई नेरोलैक से टक्कर ले सकते हैं।

ICICI सिक्योरिटीज ने कहा, "सबसे अहम बात यह है कि बिरला ओपस, इंडिगो पेंट्स और JSW पेंट्स जैसी कंपनियों ने पिछले एक दशक में यह साबित किया है कि पेंट इंडस्ट्री में एंट्री करना उतना चुनौतीपूर्ण नहीं हैं, जितना पहले माना जाता था। ऐसे में हमें मौजदा कंपनियों के मल्टीपल को लेकर कुछ चिंताएं हैं।"

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