देश के सभी खुदरा पेमेंट सिस्टम की अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में वॉलेट्स के इंटरऑपरेबिलिटी यानी एक कंपनी के वॉलेट्स से दूसरी कंपनी के वॉलेट्स पर लेन-देन से जुड़ी गाइ़लाइन्स में अहम बदलाव किया है। ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले (Morgan Stanley) का मानना है कि इससे पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) का रेवेन्यू बढ़ेगा। एनपीसीआई ने 24 मार्च यानी शुक्रवार को नई गाइडलाइन्स का ऐलान किया और सोमवार को पेटीएम ने ऐलान कर दिया कि पेटीएम के जिन ग्राहकों ने फुल केवाईसी कराया हुआ है, वे हर यूपीआई क्यूआर कोड और यूपीआई पेमेंट्स लेने वाले ऑनलाइन दुकानदारों के पास पेमेंट्स कर सकते हैं।
मॉर्गन स्टैनले ने ऐसे में पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) के रेवेन्यू बढ़ने की बात कही है और इसे 695 रुपये के टारगेट प्राइस पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। पेटीएम के शेयर आज बीएसई पर 617.50 रुपये पर बंद हुए हैं। एक और ब्रोकरेज सिटी ने इसमें निवेश के लिए 1061 रुपये का टारगेट दिया है।
NPCI ने क्या बदलाव किया है
नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च को केवाईसी वॉलेट या कार्ड जैसे प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए लेन-देन पर अधिकतम 1.1 फीसदी का इंटरजेंज फिक्स कर दिया है। पहले यह शुल्क जीरो था। हालांकि अभी भी दो हजार रुपये से कम के लेन-देन के लिए यह जीरो ही है। इंटरचेंज को मर्चेंट कैटेगरी और उसके कैप के हिसाब से किया जाएगा। यह नियम 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। आसान शब्दों में समझें तो पेटीएम के जो ग्राहक फुल केवाईसी कराए हैं, 1 अप्रैल से वे दूसरे सर्विस प्रोवाइर्स के मर्चेंट्स के पास दो हजार रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं तो इस पर इंटरचेंज चार्ज लगेगा। वहीं बैंकों की भी कमाई है और दो हजार रुपये से अधिक की वैल्यू लोड करने पर वॉलेट जारी करने वाली कंपनी 0.15 फीसदी चार्ज देगी।
Paytm को क्यों मिलेगा फायदा
एनपीसीआई के नए नियमों का सबसे अधिक फायदा पेटीएम को मिलेगा क्योंकि सबसे अधिक केवाआई वॉलेट्स इसी ने जारी किए हैं। इसके 10 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। हालांकि मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक अभी यह तय कर पाना मुश्किल है कि इससे कितना फायदा होगा क्योंकि इसके लिए डेटा बहुत कम उपलब्ध है। वहीं यह भी तय नहीं है कि बाकी मर्चेंट्स के पास पेटीएम के वॉलेट किस तरह से काम करेंगे।