PSU Bank Stocks: बीते 6 महीनों में जबर्दस्त तेजी के बाद क्या सरकारी बैंकों के शेयरों से एग्जिट करने का समय आ गया है?

निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स बीते छह महीनों में 33 फीसदी चढ़ा है। यह निफ्टी 50 के 4 फीसदी रिटर्न के मुकाबले काफी ज्यादा है। सरकारी बैंकों की वित्तीय सेहत बेहतर हुई है। छोटे सरकारी बैंकों का विलय बड़े सरकारी बैंकों में होने की चर्चा है। इसका असर शेयरों पर दिखा है

अपडेटेड Nov 06, 2025 पर 5:39 PM
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बीते छह महीनों में सबसे ज्यादा 56 फीसदी का उछाल Indian Bank के शेयरों में दिखा है।

बीते छह महीनों में सरकारी बैंकों के शेयरों का प्रदर्शन शानदार रहा है। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स से इसका पता चलता है। बीते छह महीनों में यह इंडेक्स 33 फीसदी चढ़ा है। यह निफ्टी 50 के 4 फीसदी रिटर्न के मुकाबले काफी ज्यादा है। दरअसल, सरकारी बैंकों के कामकाज और प्रदर्शन में काफी इम्प्रूवमेंट दिखा है, जिसका असर उनके शेयरों पर पड़ा है।

शेयरों में तेजी जारी रहने को लेकर संशय

विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इन सभी वजहों से PSU Bank के शेयरों में उछाल दिखा है। एनालिस्ट्स का कहना है कि सरकारी बैंकों के शेयरों में इस तेजी के आगे जारी रहने की उम्मीद कम है। हालांकि, कुछ चुनिंदा बैंकों के शेयरों में तेजी जारी रह सकती है।


विलय की प्रक्रिया शुरू होने पर तेजी दिख सकती है

मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा ने कहा कि इनवेस्टर्स को कीमतों के पीछे भागने की जगह सरकारी बैंकों के शेयरों को होल्ड करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन शेयरों की वैल्यूएशंस पर ज्यादातर अच्छी खबरों और तिमाही नतीजों का असर पड़ चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर छोटे सरकारी बैंकों का विलय करने की दिशा में कदम बढ़ाती है तो इन शेयरों में तेजी दिख सकती है।

छोटे सरकारी बैंकों का बड़े सरकारी बैंकों में विलय 

बालिगा ने कहा, "सरकार के कुछ सरकारी बैंकों के विलय के प्लान तैयार करने की खबरों से इस सेक्टर में नई तेजी दिख सकती है। अगर कंसॉलिडेशन होता है यानी छोटे सरकारी बैंकों का विलय बड़े सरकारी बैंकों में होता है तो आगे सरकारी बैंकों के शेयरों की रीरेटिंग हो सकती है।" पिछले महीने मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि सरकार छोटे सरकारी बैंकों का विलय बड़े सरकारी बैंकों में करने पर विचार कर रही है।

 इन छोटे सरकारी बैंकों का हो सकता है विलय

सरकार के प्लान के तहत इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया का विलय पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई जैसे बड़े सरकारी बैंकों में हो सकता है। सरकार कई छोटे सरकारी बैंकों की जगह कुछ बड़े सरकारी बैंक चाहती है। सरकार का मानना है कि इससे इंडस्ट्री की कर्ज की जरूरत पूरी करने में मदद मिलेगी।

आगे शेयरों में सुस्ती दिख सकती है

एनालिस्ट्स का कहना है कि सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी अपने पीक पर पहुंचती दिख रही है। InCred Equities ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों को 'होल्ड' करने की सलाह दी है। उसने सितंबर तिमाही के बैंक के नतीजों के बाद यह सलाह दी है। उसने कहा है कि प्राइवेट बैंकों के मुकाबले एसबीआई के बेहतर प्रदर्शन की संभावना सीमित दिख रही है।

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इन शेयरों ने निवेशकों को किया मालामाल

बीते छह महीनों में सरकारी बैंकों के शेयरों का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस दौरान सबसे ज्यादा 56 फीसदी का उछाल Indian Bank के शेयरों में दिखा है। PNB और Bank of India के शेयरों में करीब 23 फीसदी उछाल आया है। SBI का स्टॉक करीब 19 फीसदी उछला है। खास बात यह है कि सभी 12 सरकारी बैंकों के शेयरों ने इस दौरान पॉजिटिव रिटर्न दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तेजी का जारी रहना मुश्किल दिख रहा है।

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