Damani Portfolio: अल्ट्राटेक सीमेंट की मेजॉरिटी हिस्सेदारी अब इंडिया सीमेंट्स की होने वाली है यानी अब जल्द ही इंडिया सीमेंट्स पर अल्ट्राटेक का नियंत्रण हो जाएगा। अल्ट्राटेक ने जून में दिग्गज निवेश राधाकिशन दमानी और उनसे जुड़ी एंटिटीज से 22.77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी और अब यह 32.72 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीद रही है। अब बात करें राधाकिशन दमानी और उनसे जुड़े एंटिटीज की तो उन्होंने जब अपनी होल्डिंग बेची, उस समय निवेश करीब तीन गुना हो चुका था। राधाकिशन दमानी और उनसे जुड़ी एंटिटीज इंडिया सीमेंट्स में समय-समय पर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते रहे और उन्होंने करीब 600-700 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। अब 27 जून 2024 को उन्होंने 1889 करोड़ रुपये में यह हिस्सेदारी बेची।
Radhakishan Damani को होता और फायदा, अगर...
अल्ट्राटेक सीमेंट ने हाल ही में इंडिया सीमेंट्स के प्रमोटर्स से शेयर खरीदे। दमानी लंबे समय से इंडिया सीमेंट्स में शेयरहोल्डर्स रहे हैं। उनके पोर्टफोलियो में यह 2015 से ही है। तब से वह समय-समय पर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते रहे हैं। हालांकि बीचे में कुछ समय उन्होंने अपनी हिस्सेदारी हल्की थी थी। 2015 से 2019 के बीच उन्होंने अपनी हिस्सेदारी करीब 2.4 फीसदी से कम करके 1 फीसदी कर दी थी। मार्च 2024 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से दमानी और उनके भाई के पास इंडिया सीमेंट्स की 21 फीसदी के करीब हिस्सेदारी थी और कुछ शेयर इनवेस्टमेंट कंपनियों के जरिए थे।
उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेंट को 277 रुपये के औसत भाव पर शेयर बेचे थे और अब अल्ट्राटेक ने प्रमोटर्स से 390 रुपये के औसत भाव पर शेयर खरीदे हैं यानी कि अगर दमानी और इससे जुड़ी एंटिटीज इस समय शेयर बेचते तो करीब 41 फीसदी का फायदा और होता। उन्होंने जो शेयर 1889 करोड़ रुपये में बेचे, उसके करीब 2694 करोड़ रुपये उन्हें मिलते।
UltraTech-India Cements Deal पर ब्रोकरेज का क्या है रुझान
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि अल्ट्राटेक और इंडिया सीमेंट्स की डील के चलते दक्षिण भारत में सीमेंट इंडस्ट्री में कंसालिडेशन बढ़ेगा। अल्ट्राटेक सीमेंट की मजबूत स्थिति को मिलाकर दक्षिण भारत में सीमेंट सेक्टर की टॉप 5 कंपनियों की इस क्षेत्र में 53 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी जोकि अभी 42 फीसदी है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी मानना है कि नियर टर्म में इस कंसालिडेशन का सीमेंट इंडस्ट्री को फायदा नहीं दिख रहा क्योंकि मार्केट में अभी 30 से अधिक प्लेयर्स हैं और अतिरिक्त क्षमता की भी समस्या है।
एक और ब्रोकरेज Emkay का कहना है कि कंपनी की ग्रे सीमेंट कैपेसिटी देश भर में सालाना 12 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 तक 20 करोड़ टन से ऊपर पहुंच सकती है। इससे वॉल्यूम ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा और कम ऑपरेटिंग और कैपिटल एक्सपेंसेज के चलते रिटर्न रेश्यो में भी सुधार होगा। हालांकि शॉर्ट टर्म में मुनाफा सीमित रह सकता है क्योंकि अगले चार से छह तिमाहियों तक मार्केट शेयर को लेकर कड़ी टक्कर हो सकती है।
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