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कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों का कैपिटल पोजीशन घटने से RBI चिंतित, पूंजी बढ़ाने का दे सकता है निर्देश

इस वित्त वर्ष की शुरुआत से कमजोर एसेट क्वालिटी की वजह से कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों का कैपिटल पोजीशन घटा है। इसे लेकर रेगुलेटर चिंतित है। वह कुछ बैंकों को अपना कैपिटल पोजीशन बढ़ाने के निर्देश दे सकता है। हाल में स्मॉल फाइनेंस बैंकों के प्रमुखों की आरबीआई के साथ हुई बैठक से इसके संकेत मिले हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 28, 2025 पर 10:52 AM
कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों का कैपिटल पोजीशन घटने से RBI चिंतित, पूंजी बढ़ाने का दे सकता है निर्देश
हाल में उत्तर प्रदेश के स्मॉल फाइनेंस बैंक उत्कर्ष एसएफबी ने 750 करोड़ रुपये का फ्रेश इक्विटी कैपिटल जुटाने के प्लान को मंजूरी दी है।

आरबीआई की उन स्मॉल फाइनेंस बैंकों पर करीबी नजर है, जिनका कुल कैपिटल पोजीशन वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले घटा है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों को आने वाली तिमाहियों में लॉस बर्दाश्त करने और कैपिटल से जुड़ी शर्तें पूरी करने के लिए कहा जा सकता है। एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर मनीकंट्रोल को बताया कि कम से कम 3-4 स्मॉल फाइनेंस बैंकों को अपना कैपिटल पोजीशन बढ़ाने को कहा जा सकता है। दरअसल, इस वित्त वर्ष की शुरुआत से कमजोर एसेट क्वालिटी की वजह से कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों का कैपिटल पोजीशन घटा है।

कई बैंकों के CRAR में कमी आई है

FY24 और FY25 की तीसरी तिमाही के बीच स्मॉल फाइनेंस बैंकों की ओवरऑल कैपिटल पोजीशन (CRAR या कैपिटल टू रिस्क वेट एसेट रेशियो) में 60-290 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आई है। अगर सिर्फ कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET-1) कैपिटल की बात की जाए तो इसमें करीब 90-320 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आई है। CRAR वह रेशियो है जिससे किसी बैंक के लॉस बर्दाश्त करने और कैपिटल रिक्वायरमेंट पूरी करने की क्षमता का पता चलता है।

इन बैंकों के CRAR में सबसे ज्यादा कमी

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