28 नवंबर दिन बुधवार, किसी आम दिन की तरह ही हांगकांग के लोग अपनी दिनचर्या में बिजी थे, लेकिन अचानक ही यहां की शांत दोपहर किसी हॉरर फिल्म के सीन में बदल गई- आसमान चीरते काले धुएं के गुबार, हवा में उड़ती आग की लपटें, और जमीन पर गिरता जलता हुआ मलबा। वांग फुक कोर्ट की शांत रिहायशी इमारतें देखते ही देखते आग की गिरफ्त में आ गईं। नीचे फायर फाइटर, पुलिस और एंबुलेंस के सायरन का शोर गूंज रहा था, और ऊपर से गिरता जलता हुआ स्कैफोल्डिंग और भी डरावना लग रहा है था।
