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RBI Monetary Policy: रेपो रेट पर आरबीआई के फैसले का बाजार पर क्या होगा असर? एक्सपर्ट्स की ये है राय

ब्लूमबर्ग और मनीकंट्रोल के सर्वे में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई है कि RBI हाई इनफ्लेशन और अक्टूबर की बैठक में न्यूट्रल पॉलिसी रुख का हवाला देते हुए रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखेगा। हालांकि, कुछ लोगों का अनुमान है कि CRR में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जाएगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 05, 2024 पर 6:50 PM
RBI Monetary Policy: रेपो रेट पर आरबीआई के फैसले का बाजार पर क्या होगा असर? एक्सपर्ट्स की ये है राय
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजे 6 दिसंबर को सामने आने वाले हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजे 6 दिसंबर को आने वाले हैं। ऐसे में निवेशकों की नजर कल RBI के फैसले पर बनी रहेगी। आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी की तेजी आई है। आज लगातार पांचवें दिन शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने अक्टूबर की मीटिंग में लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था और इसे 6.50 फीसदी पर ही बरकरार रखा था। हालांकि RBI ने अपने रुख को बदलकर 'न्यूट्रल' कर दिया था। ऐसे में सवाल यह है कि अगर कल रेपो रेट में कटौती नहीं की जाती है तो सेंसेक्स और निफ्टी का क्या होगा?

अर्थशास्त्रियों ने रेपो दर के इस बार भी बरकरार रहने की जताई उम्मीद

ब्लूमबर्ग और मनीकंट्रोल के सर्वे में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई है कि RBI हाई इनफ्लेशन और अक्टूबर की बैठक में न्यूट्रल पॉलिसी रुख का हवाला देते हुए रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखेगा। हालांकि, कुछ लोगों का अनुमान है कि CRR में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जाएगी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में 1-1.25 लाख करोड़ रुपये आ सकते हैं, जिससे संभावित रूप से क्रेडिट ग्रोथ और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

जुलाई-सितंबर की अवधि में जीडीपी ग्रोथ में उम्मीद से अधिक गिरावट के हालिया आर्थिक आंकड़ों ने इस बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या रिस्ट्रिक्टिव मॉनेटरी पॉलिसी एक्टिविटी को धीमा कर रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे लिक्विडिटी बढ़ाने वाले उपायों की जरूरत बढ़ गई है।

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