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Red Sea Crisis: लाल सागर संकट से खतरे में आया अरबों डॉलर का व्यापार, 5 प्वाइंट्स में समझें पूरा माजरा

Red Sea Crisis: ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से जाने वाली समुद्री जहाजों पर हमले शुरू कर दिए है। हूती विद्रोहियो का यमन के एक बड़े हिस्सा पर कब्जा है, जिसमें लाल सागर से जुड़ा अहम पश्चिमी तट भी शामिल है। हूती विद्रोही ये हमले हमास के समर्थन में कर रहे हैं। अभी तक हमले की जद में आने वाले अधिकतर जहाज इजरायल और इजरायल के व्यापारियों से जुड़े हुए हैं

अपडेटेड Dec 19, 2023 पर 10:54 PM
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Red Sea Crisis: क्रूड ऑयल के दाम एक बार फिर से बढ़ सकते हैं

Red Sea Crisis: ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों (Houthi group) ने लाल सागर से जाने वाली समुद्री जहाजों पर हमले शुरू कर दिए है। हूती विद्रोहियो का यमन के एक बड़े हिस्सा पर कब्जा है, जिसमें लाल सागर से जुड़ा अहम पश्चिमी तट भी शामिल है। हूती विद्रोही ये हमले हमास के समर्थन में कर रहे हैं, जो गाजा में इजराइल से जंग लड़ रहे हैं। अभी तक हमले की जद में आने वाले अधिकतर जहाज इजरायल और इजरायल के व्यापारियों से जुड़े हुए हैं। हमले के चलते लाल सागर मार्ग से कारोबार करने वाली दुनिया की कई बड़ी शिपिंग फर्मों ने इस मार्ग पर अपने कारोबार रोक दिए हैं।

1. बढ़ सकती है महंगाई

लाल सागर आगे जाकर स्वेज नहर (Suez Canal) से मिलता है, जो यूरोप को एशिया से जोड़ने वाला सबसे प्रमुख जलमार्ग है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक बड़ा हिस्सा इस स्वेज नहर से होकर गुजरता है। लाल सागर मार्ग बंद होने पर यूरोप से एशिया या एशिया से यूरोप माल की आवाजाही के लिए शिंपिंग कंपनियों को अब लंबा मार्ग लेना होगा। इससे न सिर्फ शिंपिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी, बल्कि पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो सकता है।

2. क्रूड ऑयल के बढ़ सकते हैं दाम


एनालिस्ट्स का कहना है कि स्वेज नहर संकट के चलते क्रूड ऑयल के दाम एक बार फिर से बढ़ सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में रिजनल क्रूड ऑयल के दाम 6-8 डॉलर प्रति बैरल है। हालांकि एनालिस्ट को यह भी उम्मीद है कि यह बढ़ोतरी अस्थायी है क्योंकि क्रूड की मांग अभी सुस्त है। हालांकि अगर स्वेज नगर संकट आगे जाकर और गहाराता है, तो फिर यह मुश्किलें पैदा कर सकता है।

3. ग्लोबल लेवल पर मच सकती है उथलपुथल

हूती विद्रोहियों के हमले बढ़ने से ग्लोबल लेवल पर सप्लाई चेन में रुकावट आने की आशंका बढ़ गई है। इससे तेल और दूसरी जरूरी वस्तुओं के दाम आने वाले दिनों में तेजी से ऊपर जा सकते हैं और ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ भी सुस्त हो सकती है। यदि हमले बेरोकटोक जारी रहे तो इससे चल रहे संघर्ष का विस्तार हो सकता है और इसमें अन्य देश भी शामिल हो सकते हैं।

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4. भारत के कोल इंपोर्ट पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं

हालांकि एनालिस्ट को उम्मीद है कि लाल सागर संकट से भारत का कोल इंपोर्ट नहीं प्रभावित होगा। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारत अपना अधिकतक कोयला इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया से इंपोर्ट करता है, जिनका स्वेज नहर या लाल सागर से कोई वास्ता नहीं है। भारत अपना करीब 67 फीसदी कोयला इन्हीं 2 देशों से इंपोर्ट करता है।

5. अमेरिका ने हूती हमलों का जवाब देने के लिए बनाया गठबंधन

अमेरिका ने लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने वाली हूती मिसाइलों और ड्रोन का मुकाबला करने के लिए 10 देशों के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी, लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा, "जो देश अंतरराष्ट्रीय मार्ग की स्वतंत्रता के मूलभूत सिद्धांत को बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें इस चुनौती से निपटने के लिए एक साथ आना चाहिए।"

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