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Reliance Power Shares: रिलायंस पावर का पूरा कर्ज साफ, खुलासे पर शेयर पहुंचे अपर सर्किट पर

Reliance Power Share Price: रिलायंस पावर के शेयरों की मांग आज इतनी जबरदस्त है कि खरीदने वाले कई हैं लेकिन कोई बेचने वाला नहीं है। यह 5 फीसदी उछलकर 32.98 फीसदी रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया। इसके शेयरों की मांग में इजाफा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के लिए गारंटर के तौर पर 3872 करोड़ रुपये के पूरी देनदारी चुका दी है

अपडेटेड Sep 18, 2024 पर 11:34 AM
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विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के गारंटर के रूप में Reliance Power ने 3,872.04 करोड़ रुपये की देनदारी चुका दी है। इसके अलावा रिलायंस पावर ने सीएफएम एसेट रीकंस्ट्रक्शन के साथ सभी विवादों का भी निपटारा कर लिया है।

Reliance Power Share Price: रिलायंस पावर के शेयरों की मांग आज इतनी जबरदस्त है कि खरीदने वाले कई हैं लेकिन कोई बेचने वाला नहीं है। यह 5 फीसदी उछलकर 32.98 फीसदी रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया। इसके शेयरों की मांग में इजाफा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के लिए गारंटर के तौर पर 3872 करोड़ रुपये के पूरी देनदारी चुका दी है। रिलायंस पावर ने यह भी ऐलान किया कि बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का अब इस पर कोई बकाया नहीं है। इसके चलते शेयर रॉकेट बन गए। इस साल 2024 में अब तक यह करीब 42 फीसदी मजबूत हुआ है। पिछले साल 26 अक्टूबर 2023 को इसके शेयर 15.53 रुपये के एक साल के निचले स्तर पर थे और इस साल 23 अगस्त 2024 को यह एक साल के हाई 38.07 रुपये पर था।

Reliance Power बन गई कर्ज फ्री कंपनी

विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के गारंटर के रूप में रिलायंस पावर ने 3,872.04 करोड़ रुपये की देनदारी चुका दी है। इसके अलावा रिलायंस पावर ने सीएफएम एसेट रीकंस्ट्रक्शन के साथ सभी विवादों का भी निपटारा कर लिया है। गारंटर के तौर पर रिलायंस पावर की जिम्मेदारियों को खत्म करने के लिए VIPL के 100 फीसदी शेयरों को गिरवी रखा गया है। कंपनी ने ऐलान किया कि बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का इस पर कोई बकाया नहीं है। जून तिमाही के आखिरी में कंपनी की कंसालिडेटेड नेटवर्थ 11,155 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा एक और अहम अपडेट ये है कि रिलायंस पावर और रोसा पावर सप्लाई कंपनी के खिलाफ जो दिवाला याचिका दाखिल की थी, उसे वापस लेने वाली है और सीएफएफ के खिलाफ रिलायंस पावर, रोसा पावर सप्लाई कंपनी और वीआईपीएल भी अपनी याचिका वापस लेंगे।


Anil Ambani पर अभी सेबी का लगा है प्रतिबंध

पिछले महीने 22 अगस्त को बाजार नियामक सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा उन्हें पांच साल के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी के पास रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज में निदेशक या अहम मैनेजेरियल पोस्ट लेने पर रोक लगा दिया है। हालांकि इस मामले में कंपनी का कहना है कि जिस मामले में सेबी ने यह आदेश दिया है, उससे सेबी किसी भी तरह से जुड़ी नहीं थी। रिलायंस पावर के खिलाफ सेबी ने कोई आदेश नहीं दिया है। वहीं अनिल अंबानी ने पहले ही 11 फरवरी 2022 की तारीख में जारी अंतरिम आदेश के तहत कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में कंपनी का कहना है कि 22 अगस्त 2024 को सेबी के आदेश का रिलायंस पावर के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

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डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।

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