अनिल अंबानी समेत 25 के खिलाफ SEBI का एक्शन, सिक्योरिटीज मार्केट से 5 साल के लिए किया प्रतिबंधित

SEBI Bans Anil Ambani: सेबी ने फरवरी 2022 में एक अंतरिम आदेश पारित किया था और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, उद्योगपति अनिल अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों अमित बापना, रवींद्र सुधाकर और पिंकेश आर. शाह को कंपनी से कथित रूप से पैसे निकालने के आरोप में अगले आदेश तक सिक्योरिटीज मार्केट में इंगेज होने से रोक दिया था

अपडेटेड Aug 23, 2024 पर 3:51 PM
Story continues below Advertisement
SEBI ने रिलायंस होम फाइनेंस को सिक्योरिटीज मार्केट से 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) और रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य को 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। यह एक्शन कंपनी से पैसे के हेर-फेर के मामले में लिया गया है। सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उनके 5 साल की अवधि के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी इंटरमीडियरी में डायरेक्टर या 'प्रमुख मैनेजेरियल कर्मचारियों' (Key Managerial Personnel) के रूप में शामिल होना शामिल है।

इसके अलावा सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस को सिक्योरिटीज मार्केट से 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अपने 222 पेज के फाइनल में ऑर्डर में सेबी ने कहा कि अनिल अंबानी ने RHFL के प्रमुख मैनेजेरियल कर्मचारियों की मदद से RHFL से पैसों का हेरफेर करने के लिए एक धोखाधड़ी की योजना बनाई, जिसमें उन पैसों को खुद की संबद्ध एंटिटीज के लिए लोन के रूप में दिखाया गया था।

RHFL के बोर्ड ने हालांकि इस तरह की ऋण देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और कॉरपोरेट ऋणों का रेगुलर रिव्यू किया था। लेकिन कंपनी के मैनेजमेंट ने इन आदेशों की अनदेखी की।


बाकी 24 एंटिटीज में कौन शामिल

सेबी की ओर से प्रतिबंधित की गईं बाकी 24 एंटिटीज में RHFL के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर. शाह भी शामिल हैं। सेबी ने मामले में उनकी भूमिका के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया है। सेबी ने बापना पर 27 करोड़ रुपये, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपये और शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट एलटी, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित बाकी एंटिटीज पर 25-25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना या तो अवैध रूप से ऋण प्राप्त करने या RHFL से पैसे के अवैध ट्रांसफर में मीडिएटर के रूप में काम करने के लिए लगाया गया है।

RHFL कंपनी, धोखाधड़ी में शामिल लोगों के समान जिम्मेदार नहीं

सेबी के अनुसार, इससे पता चलता है कि कामकाज के तरीके में बड़ी गलती हुई, जिसे अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख मैनेजेरियल कर्मियों ने अंजाम दिया। इन परिस्थितियों को देखते हुए RHFL कंपनी को धोखाधड़ी में शामिल लोगों के समान जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। सेबी ने कहा कि इसके अलावा, बाकी की एंटिटीज ने या तो अवैध रूप से हासिल लोन के प्राप्तकर्ता होने की भूमिका या RHFL से पैसे को अवैध रूप से कहीं ओर पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम देने में भूमिका निभाई है।

Nykaa के शेयर बने रॉकेट, ब्लॉक डील में 4 करोड़ शेयरों की बिक्री के बाद कीमत 8% तक उछली

सेबी ने कहा कि उसके निष्कर्षों के अनुसार ‘‘धोखाधड़ी की एक साजिश नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) ने रची और RHFL के केएमपी ने इसे अंजाम दिया। इस साजिश के जरिए सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनी RHFL से पैसे की हेराफेरी की गई और उन अयोग्य बॉरोअर्स को लोन के रूप में दिया गया, जो अनिल अंबानी से संबद्ध एंटिटीज के प्रमोटर पाए गए।’’

मैनेजमेंट और प्रमोटर का रवैया लापरवाही भरा

अंबानी ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए एडीए समूह के चेयरमैन के तौर पर अपने पद और RHFL की होल्डिंग कंपनी में अपनी महत्वपूर्ण इनडायरेक्ट शेयरहोल्डिंग का इस्तेमाल किया। सेबी ने अपने आदेश में कंपनी के मैनेजमेंट और प्रमोटर के लापरवाह रवैये का जिक्र किया है। उन्होंने ऐसी कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए, जिनके पास न तो एसेट्स थे और न ही कैश फ्लो, नेटवर्थ या रेवेन्यू था।

सेबी के मुताबिक, इससे पता चलता है कि कर्ज के पीछे कोई खतरनाक मकसद छिपा था। सेबी ने कहा कि स्थिति तब और भी संदिग्ध हो गई, जब हमने इस बात पर गौर किया कि इनमें से कई कर्जदार RHFL के प्रमोटर्स से करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं। आखिरकार इनमें से अधिकतर बॉरोअर्स अपना कर्ज चुकाने में विफल रहे, जिसके कारण RHFL को अपने खुद के ऋण दायित्वों को पूरा करने से चूक गई। इसके कारण आरबीआई फ्रेमवर्क के तहत कंपनी का रिजॉल्यूशन हुआ और इसके सार्वजनिक शेयरधारक मुश्किल स्थिति में आ गए।

Ambuja Cements में बिके ₹4251 करोड़ के शेयर, प्रमोटर अदाणी फैमिली के सेलर होने के कयास; स्टॉक 4% तक चढ़ा

Moneycontrol News

Moneycontrol News

First Published: Aug 23, 2024 12:48 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।