Retail Power: स्टॉक मार्केट में खुदरा निवेशकों का दखल तेजी से बढ़ रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मौजूद आंकड़ों से दस साल में इनकी संख्या दस गुना से अधिक बढ़ी है। रिटेल इंवेस्टर्स स्टॉक मार्केट में प्रत्यक्ष रूप से यानी शेयरों के जरिए और अप्रत्यक्ष रूप से यानी म्यूचुअल फंड्स के जरिए पैसे लगाते हैं। निवेशकों की संख्या अगस्त 2024 में 10 करोड़ के पार चली गई थी लेकिन अगले एक करोड़ निवेशक महज 5 महीने में ही बढ़ गए। 24 दिसंबर तक निवेशकों की संख्या 10.9 करोड़ पर पहुंच गई। साल 2024 में स्टॉक मार्केट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 2.3 करोड़ निवेशक जुड़े जोकि किसी एक साल में सबसे अधिक है।
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक भारत वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है, और इसका मार्केट कैप $5 ट्रिलियन यानी 5 लाख करोड़ डॉलर के लेवल को पार कर दिया। अभी दुनिया का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका का है और उसके बाद चीन (हांगकांग को मिलाकर) और जापान है।
रिटेल इंवेस्टर्स की स्टॉक मार्केट में 17.6% हिस्सेदारी
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक खुदरा निवेशकों की एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 17.6% हिस्सेदारी है, जो वर्ष 2014 में 10.9% पर थी। इसमें प्रत्यक्ष खुदरा होल्डिंग्स 9.6 फीसदी है। वहीं अप्रत्यक्ष खुदरा भागीदारी की बात करें तो म्यूचुअल फंड्स के जरिए भागीदारी दस साल में करीब 2.9 फीसदी बढ़कर 8 फीसदी तक हो गई है। निवेशकों के पोर्टफोलियो और कमाई में भी तेजी दिखी है। सितंबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक दस साल में हाउसहोल्ड इक्विटी पोर्टफोलियो सालाना आधार पर 25 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 82.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल 2024 में स्टॉक मार्केट हाउसहोल्ड इंवेस्टर्स को 13.2 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई।
99.84% पिनकोड तक पहुंचा स्टॉक मार्केट
स्टॉक मार्केट की ताबड़तोड़ तेजी ने देश भर के निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित किया। अब देश में लगभग 30 पिन कोड को छोड़कर 99.84% पिन कोड्स में रजिस्टर्ड इंवेस्टर्स हैं। हालांकि 26 दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसमें से एक तिहाई निवेशक सिर्फ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात से हैं। नए निवेशकों की बात करें तो यूपी ने इसमें बाजी मारी है।
अब जिलेवार बात करें तो पिछले साल जुड़े 15 फीसदी नए निवेशक दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे, सूरत और अहमदाबाद से रहे। वहीं ओवरऑल इंवेस्टर्स बेस की देश के हिस्से के रूप में बात करें सबसे अधिक 1.31 करोड़ निवेशक देश के पूर्वी हिस्से से हैं।
खास बात ये है कि निवेशकों की मीडियन उम्र 2024 के आखिरी में सालाना आधार पर 41.1 वर्ष से गिरकर 35.8 वर्ष पर आ गई। इसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ी और 23 फीसदी से बढ़कर 24 फीसदी पर आ गई।