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क्रिप्टोकरेंसी के लिए मजबूत सिस्टम का अभाव चिंता की बातः RBI

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि यह चिंता की बात नहीं है कि लोग क्रिप्टो में ट्रेड कर रहे हैं, बल्कि अहम बात यह है कि इस प्रॉडक्ट के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं है। इससे पहले जनवरी 2023 में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टो एसेट्स को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो में निवेश खराब दांव है और अगर इस पर निगरानी नहीं रखी जाती है, तो इससे केंद्रीय बैंक की ताकत भी कमजोर हो सकती है

अपडेटेड Jul 07, 2023 पर 2:41 PM
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रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी फाइनेंशियल सिस्टम के लिए गंभीर खतरा हैं।

रिजर्व बैंक (RBI) की चिंता क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग को लेकर नहीं है। केद्रीय बैंक की मुख्य चिंता इस प्रॉडक्ट यानी करेंसी को लेकर है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने मनीकंट्रोल के स्टार्टअप कॉनक्लेव में कहा, 'यह चिंता की बात नहीं है कि लोग क्रिप्टो में ट्रेड कर रहे हैं, लेकिन अहम बात यह है कि इस प्रॉडक्ट के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं है।'

इसके अलावा, शंकर ने यह भी चेताया कि विकासशील देशों में स्टेबलकॉइंस को अन्य मुद्राओं से लिंक किया है, जो खतरनाक है। उन्होंने बताया, 'मिसाल के तौर पर अगर स्टेबलकॉइंस को डॉलर से लिंक किया जाता है, तो यह अमेरिका के लिए जोखिमपूर्ण नहीं है। हालांकि, विकासशील देशो यानी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में स्टेबलकॉइंस को बाकी मुद्राओं से लिंक किया जाना वित्तीय स्थिरता, पूंजी के प्रबंधन और मौद्रिक नीतियों के हिसाब से काफी जोखिमपूर्ण है।'

इससे पहले जनवरी 2023 में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टो एसेट्स को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो में निवेश खराब दांव है और अगर इस पर निगरानी नहीं रखी जाती है, तो इससे केंद्रीय बैंक की ताकत भी कमजोर हो सकती है। दास ने कहा था, 'अगर क्रिप्टो को भारत में अनुमति दी जाती है, तो रिजर्व बैंक ट्रांजैक्शन की निगरानी का नियंत्रण गंवा देगा।'

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क्रिप्टो पर बैन?

फरवरी 2023 में G20 के कुछ सदस्यों ने कहा था कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने पर विचार किया जाना चाहिए। दास ने 25 फरवरी को आयोजित वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में कहा था, 'इस तरह के सुझाव भी मिल रहे हैं कि पाबंदी लगाने के विकल्प पर विचार किया जाए।' रिजर्व बैंक ने 2013 में सर्कुलर जारी कर ट्रेडर्स को वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल से बचने का सुझाव दिया था। केंद्रीय बैंक ने ट्रेडर्स को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग से दूर रहने को कहा था। साथ ही, उन्होंने इस ट्रेडिंग से जुड़े जोखिम के प्रति भी आगाह किया था।

इसके बाद, 2017 में रिजर्व बैंक और फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा था कि वर्चुअल करेंसी लीगल टेंडर नहीं हैं। रेगुलेटर नियमित तौर पर इस ट्रेडिंग से जुड़े खतरों के बारे में आगाह करता रहा है। साथ ही, 2018 में इस पर पूरी से पाबंदी लगाने पर भी विचार किया गया था। रिजर्व बैंक ने 2022 में ऐलान किया था कि उसका इरादा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का है। इस मौके पर भी रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी फाइनेंशियल सिस्टम के लिए गंभीर खतरा हैं।

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