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इश्योरेंस सेक्टर से रहें दूर, मैन्यूफैक्चरिंग और एएमसी कंपनियों में दिखेगी जोरदार तेजी: श्रीधर शिवराम

श्रीधर पूरे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस सेक्टर के स्टॉक्स में 30-40 फीसदी की दर से बढ़त हो रही है। श्रीधर का मानना है कि चीन-प्लस-वन की रणनीति भारत के लिए बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है। दुनिया की तमाम बड़े देश मैन्यूफैक्चरिंग इंपोर्ट के लिए भारत की तरफ रुख कर रहे हैं। इसके अलावा टीआर और दूसरी चुनौतियों के बावजूद एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में आगे काफी अच्छी संभावना दिख रही

अपडेटेड Jul 07, 2023 पर 1:23 PM
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श्रीधर ने कहा कि वे अक्सर इंश्योरेंस सेक्टर से दूर रहने की सलाह देते रहे हैं। वो अभी भी अपनी इस राय पर कायम हैं। उनका मानना है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर्याप्त मात्रा में प्रोटेक्शन की बिक्री नहीं कर रही है। उनके कारोबार में प्रोटेक्शन की हिस्सेदारी मुश्किल से 10 फीसदी है

इश्योरेंस सेक्टर में आगे मंदी की संभावना नजर आ रही है। जिसके चलते इसके कर-बचत एडवांटेज को नुकसान हो सकता है। वहीं मैन्यूफैक्चरिंग और असेट मैनेजमेंट सेक्टर में आगे अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है। ये बातें एनाम होल्डिंग्स (Enam Holdings) के श्रीधर शिवराम ने 6 जुलाई को सीएनबीसी टीवी18 को दिए गए एक साक्षात्कार में कही हैं। एनाम होल्डिंग्स इन्वेस्टमेंट डायरेक्टर श्रीधर शिवराम (Sridhar Sivaram) इश्योरेंस सेक्टर को लेकर बियरिश हैं लेकिन वे फाइनेंशियल सर्विसेज स्पेस में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को लेकर बहुत बुलिश। उन्का मनना है कि आगे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से काफी अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है। इसके अलावा निवेश के नजरिए से उनको मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की कंपनियां भी पसंद हैं।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आएगी तेजी

श्रीधर पूरे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (ईएमएस) को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस सेक्टर के स्टॉक्स में 30-40 फीसदी की दर से बढ़त हो रही है। श्रीधर का मानना है कि चीन-प्लस-वन की रणनीति भारत के लिए बहुत अच्छी तरह से काम कर रही है। दुनिया की तमाम बड़े देश मैन्यूफैक्चरिंग इंपोर्ट के लिए भारत की तरफ रुख कर रहे हैं। इसके अलावा टीआर और दूसरी चुनौतियों के बावजूद एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में आगे काफी अच्छी संभावना दिख रही। दूसरी ओर टैक्स फ्री बेनिफिट खोने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों में आगे और कमजोरी आने की आशंका नजर आ रही है।


इश्योरेंस कंपनियों को मिलने वाला टैक्स फ्री ऑप्शन होगा खत्म

इस बातचीत में श्रीधर ने आगे कहा कि म्यूचुअल फंड मैनेजरों की फाइनेंस मिनिस्ट्री से अक्सर शिकायत रहती है कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है। इश्योरेंस कंपनियों को टैक्स फ्री ऑप्शन मिलता है। लेकिन म्यूचुअल फंड को ये ऑप्शन नहीं मिलता। ऐसे में अब इस बात की संभावना दिख रही कि या तो म्यूचुअल फंड्स को भी टैक्स फ्री ऑप्शन मिलेगा। या फिर इश्योरेंस कंपनियों को टैक्स फ्री ऑप्शन गवांना होगा। श्रीधर का मानना है कि अंतत: इश्योरेंस कंपनियों को मिलने वाला टैक्स फ्री ऑप्शन खत्म होता नजर आएगा।

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इंश्योरेंस सेक्टर से दूर रहने की सलाह

श्रीधर ने कहा कि वे अक्सर इंश्योरेंस सेक्टर से दूर रहने की सलाह देते रहे हैं। वो अभी भी अपनी इस राय पर कायम हैं। उनका मानना है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर्याप्त मात्रा में प्रोटेक्शन की बिक्री नहीं कर रही है। उनके कारोबार में प्रोटेक्शन की हिस्सेदारी मुश्किल से 10 फीसदी है। इंश्योरेंस इंडस्ट्री प्रोटेक्शन की बिक्री न करके अभी भी सेविंग की बिक्री कर रही है। ये इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर सबसे बड़ा सवालिया निशान है।

7 जुलाई को दोपहर 01.00 बजे के आसपास निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 0.73 फीसदी टूटकर 20121.30 पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स ने पिछले छह महीनों में 9 फीसदी रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इसने 27 फीसदी रिटर्न दिया है।

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