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नवंबर में डेट मार्केट में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट दो साल के हाई लेवल पर, FPIs ने लगाए 12,000 करोड़

फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) ने नवंबर में अब तक भारतीय डेट मार्केट में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो पिछले दो साल में सबसे ज्यादा है। डेट मार्केट में निवेश में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आकर्षक यील्ड है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय गर्वनमेंट सिक्योरिटीज को जेपी मॉर्गन गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स इमर्जिंग मार्केट्स में शामिल किए जाने से भारतीय बॉन्ड मार्केट में विदेशी फंडो की भागीदारी बढ़ी है

अपडेटेड Nov 28, 2023 पर 9:48 PM
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भारतीय डेट मार्केट बाकी इमर्जिंग मार्केट्स के डेट मार्केट्स के मुकाबले काफी आकर्षक है।

फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) ने नवंबर में अब तक भारतीय डेट मार्केट में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो पिछले दो साल में सबसे ज्यादा है। डेट मार्केट में निवेश में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आकर्षक यील्ड है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय गर्वनमेंट सिक्योरिटीज को जेपी मॉर्गन गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स इमर्जिंग मार्केट्स में शामिल किए जाने से भारतीय बॉन्ड मार्केट में विदेशी फंडो की भागीदारी बढ़ी है।

साल 2023 के शुरू से ही फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर भारतीय डेट मार्केट को लेकर बुलिश रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मार्च को छोड़कर अब तक सभी महीनों में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर ने डेट मार्केट में निवेश बढ़ाया है। मार्च में इन निवेशकों ने डेट मार्केट से 2,505 करोड़ रुपये बाहर निकाले थे। निवेश के हालिया आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो इस कैलेंडर ईयर में अब तक FPI का नेट इनवेस्टमेंट बढ़कर 47,900 करोड़ रुपये हो गया है। आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक डेट मार्केट में कुल 12,400 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। सितंबर 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा इनफ्लो है, जब विदेशी निवेशकों ने 12,804 करोड़ निवेश लगाए थे।

भारतीय डेट मार्केट बाकी इमर्जिंग मार्केट्स के डेट मार्केट्स के मुकाबले काफी आकर्षक है और यह अपेक्षाकृत ज्यादा यील्ड ऑफर करता है। डेट के अलावा, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ने संबंधित अवधि में इक्विटी मार्केट्स में 378 करोड़ का निवेश किया। इससे पहले सितंबर और अक्टूबर में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ने क्रमशः 14,767 और 24,548 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी।


जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटिजिस्ट वी के विजयकुमार ने बताया, ' अक्टूबर के मध्य में इनफ्लेशन में उम्मीद से ज्यादा गिरावट से बाजार को यह मानने का हौसला मिला है कि फेडरल रिजर्व फिलहाल ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा। लिहाजा, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में भारी गिरावट आई है। ऐसे में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स बिक्री को लेकर सुस्त हो गए हैं।'

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