मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सउदी अरामको रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर (Reliance New Energy Solar) में निवेश की तलाश में है। बता दें कि इससे पहले रिलायंस औरसउदी अरामको ने रिलायंस के ऑयल टू केमिकल (O2C) कारोबार में 15 अरब डॉलर की निवेश योजना को खत्म करने का एलान किया था।
Mint में सूत्रों के हवाले से छपी खबर के मुताबित सउदी अरामको और दूसरे निवेशकों ने रिलांयस क्लीन एनर्जी में निवेश करने में रुचि दिखाई है। Mint को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रिलायंस की योजना अपने रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार में विदेशी निवेश आकर्षित करने की है।
बहुत सारे निवेशक रिलायंस के इस कारोबार में निवेश करने के लिए उत्साहित है। जिसमें सउदी अरामको भी शामिल है। यह भी बताते चलें कि मनीकंट्रोल इस खबर की स्वतंत्र रुप पुष्टि नहीं करता है।
बता दें कि इस खबर पर रिलायंस ने Mint की तरफ से पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं अरामको ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा है कि रिलायंस और अरामको का काफी लंबा और टिकाऊ संबंध है। अरामको भारत में निवेश के विकल्प के मौको की तलाश में लगी रहेगी। लॉन्ग टर्म में भारत में ग्रोथ की व्यापक संभावनाएं हैं और अरामको भारत में अपनी सहयोगियों के साथ मिलकर इन संभावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश करेगी। अगर इस मोर्चे पर कोई प्रगति होती है तो सही समय पर जानकारी दी जाएगी। गौरतलब है कि रिलायंस न्यू एनर्जी सोलार लिमिटेड ने अक्टूबर महीने में आरईसी सोलार का 77.1 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था।
RIL,दुनिया की सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स का संचालन करता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और सऊदी अरामको ने अपनी एक डील को हाल ही में रद्द कर दिया था। अब रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके पीछे वजह वैल्युएशन को लेकर चिंताएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बातचीत इस बात पर बंद हुई, कि रिलायंस के ऑयल टू कैमिकल (O2C) बिजनेस को कितना वैल्यू किया जाना चाहिए, जब दुनिया फॉसिल फ्यूल्स से दूर जाकर उत्सर्जन को घटाने की कोशिशें कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब इसकी जगह कंपनी स्पेशिएलिटी केमिकल का उत्पादन करने के लिए कई डील को साइन करने पर फोकस करेगी। दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको ने रिलायंस के O2C बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था. साल 2019 में 15 बिलियन डॉलर में यह समझौता किया गया था।