सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने स्टॉक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग को लेकर रिटेल इनवेस्टर्स को सावधान किया। उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव्स में रिटेल इनवेस्टर्स को नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने निवेश में जिम्मेदारी और फाइनेंशियल लिट्रेसी को भी जरूरी बताया। सेबी डेरिवेटिव ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी पर पहले भी चिंता जता चुका है। रेगुलेटर का मानना है कि ज्यादातर इनवेस्टर्स को एफएंडओ ट्रेडिंग में लॉस होता है।
रिटेल इनवेस्टर्स को फायदे की जगह होता है लॉस
National Stock exchange की तरफ से वर्ल्ड इनवेस्टर वीक 2025 में पांडेय ने कहा, "सेबी की स्टडीज से हर बार यह पता चला है कि डेरिवेटिव में ट्रेड करने वाले रिटेल इनवेस्टर्स को लॉस उठाना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि वे ऐसे प्रोडक्ट्स से जुड़े रिस्क को ठीक तरह से समझ नहीं पाते।" उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव का मकसद हेजिंग और रिस्क मैनेजमेंट है न कि जल्द प्रॉफिट कमाना। उन्होंने कहा कि सेबी टूल्स और सुरक्षा के उपाय कर सकता है, लेकिन आखिर में सुरक्षा इनवेस्टर्स के रिस्पॉन्सिबल इनवेस्टिंग पर निर्भर करती है।
36 फीसदी इनवेस्टर्स को ही मार्केट के बारे में जानकारी
सेबी चीफ ने ये बातें तब कही है, जब एक सर्वे के नतीजे आए हैं। देशभर में किए गए इस सर्वे में 90,000 परिवारों ने हिस्सा लिया। मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) और AMFI ने मिलकर यह सर्वे किया। इससे पता चला कि 63 फीसदी परिवारों को एक सिक्योरिटी मार्केट प्रोडक्ट के बारे में पता था। लेकिन, सिर्फ 9.5 फीसदी परिवार ही इसमें पार्टिसिपेट करते हैं। सिर्फ 36 फीसदी इनवेस्टर्स को ही मार्केट के बारे में अच्छी या सामान्य जानकारी थी।
पर्याप्त नॉलेज नहीं होने से बढ़ जाता है रिस्क
पांडेय ने इस सर्वे के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि पर्याप्त नॉलेज नहीं होने की वजह से हमारे इनवेस्टर्स के लिए रिस्क बढ़ जाता है। इससे वे फ्रॉड के भी शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फ्रॉड करने वाले निवेशकों को गुमराह करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "गैरजरूरी मैसेज, संदिग्ध फिनफ्लूएंसर्स और फेक ट्रेडिंग ऐप्स ऐसे वादे करते हैं, जिसे मार्केट कभी नहीं कर सकता-वह है गारंटीड रिटर्न।"
सेबी फाइनेंशियल लिट्रेसी के लिए चला रहा कैम्पेन
सेबी ने क्षेत्रीय भाषाओं में फाइनेंशियल लिट्रेसी बढ़ाने के लिए कई कैम्पेन शुरू किए हैं। इनमें 'सेबी वर्सेज स्कैम' और अर्थ यात्रा कॉन्टेस्ट 2025 शामिल है। इसके अलावा रेगुलेटर पंचायती राज मंत्रालय के साथ भी मिलकर लोगों को निवेश के बारे में जागरूक बनाने की कोशिश कर रहा है। सेबी के SCORES 2.0 और स्मार्ट ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन सिस्टम में सर्वे में शामिल 90 फीसदी लोगों ने संतोष जताया।