SEBI in Action: मार्केट में निवेश की सलाह देने के लिए पहले मंजूरी लेनी होती और ऐसा नहीं करने पर बाजार नियामक सेबी (SEBI) सख्त कार्रवाई कर सकता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया कि तीन एंटिटीज ने बिना मंजूरी यानी अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइस दी और अब इसे लेकर सेबी ने इन तीनों को अगले आदेश तक सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा इन तीनों ने सर्विस के चार्ज के रूप में 12 करोड़ रुपये से अधिक कमाए थे, जिसे अंतरिम आदेश के जरिए जब्त कर लिया गया है। इस मामले में सेबी ने कबीर फाइनेंशियल सर्विसेद, सय्यद शुजाऊद्दीन और फरहत परवीन पर कार्रवाई की है।
खास बात ये है कि इन एंटिटीज ने इसका खुलासा किया था वे रजिस्टर्ड नहीं हैं और उनका चैनल सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है लेकिन सेबी इससे सहमत नहीं हुआ और सख्त कार्रवाई किया है। सेबी ने कार्रवाई इसलिए की क्योंकि इन्होंने सेबी से नोटिस मिलने के बाद यह खुलासा किया और यह दर्शाने का प्रयास किया कि वे कानून का देर से अनुपालन कर रहे हैं। सेबी के आदेश के मुताबिक अभी इसमें जांच बाकी है क्योंकि यह पता लगाना कि क्या इन एंटिटीज और कुछ ब्रोकरेज के किसी प्रकार का फाइनेंशियल अरेंजमेंट था? यह सवाल इसलिए उठा है कि क्यों ये एंटिटीज अपने ग्राहकों को इन ब्रोकरेजों के साथ ट्रेडिंग अकाउंट्स खोलने के लिए कहते थे।
जांच में सामने आया कि ये जो टेलीग्राम चैनल रहे थे, उसमें सालाना पैकेज हासिल करने के लिए एक लिंक दिया होता था जिसके जरिए एंजेल वन/जीरोधा/अपस्टॉक्स/एलिस ब्लूस जैसे ब्रोकरेज में ट्रेडिंग अकाउंट्स खोलने को कहा जाता था। इसके अलावा निवेशकों को इन्हीं खाते के जरिए ट्रेडिंग के लिए कहा जाता था। हालांकि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य (होलटाइम मेंबर) का कहना है कि ये तीनों एंटिटीज किसी भी ब्रोकर्स के ऑथराइज्ड पर्सन्स के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं।
सेबी ने अब तक क्या की कार्रवाई
बिना रजिस्ट्रेशन निवेशकों को निवेश टिप्स देने के मामले में सेबी ने कार्रवाई की है। सेबी की जांच के मुताबिक कबीर फाइनेंशियल सर्विसेज, सय्यद शुजाउद्दीन और फरहत परवीन ने इसके जरिए 12,84,74,628.5 रुपये कमाए। अब इन तीनों कंपनियों को निवेशकों से जुटाए गए पैसों को कहीं भी भेजने से रोक दिया गया, जब तक कि अगला आदेश नहीं आ जाता है।
उन्हें अपनी किसी भी चल-अचल संपत्ति को बिना सेबी की अनुमति से बेचने की भी अनुमति नहीं है जब तक कि जब्त की गई राशि यानी 12 करोड़ रुपये से अधिक एस्क्रो अकाउंट में जमा नहीं हो जाते हैं। एस्क्रो एक खास प्रकार का खाता है जिसमें उन पैसों को रखा जाता है जिसे अभी बेनेफिशएरी के पास भेजना है, जैसे कि इस खाते में आपकी तरफ से डाले गए पैसे से लेंडर्स आपके लिए प्रॉपर्टी टैक्स और इंश्योरेंस पेमेंट्स करें।