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Jane Street's India F&O Trades: SEBI आज से नहीं 3 साल पहले से कर रहा है जांच, अमेरिकी फर्म पर किस वजह से है टेढ़ी नजर

Jane Street ने दिसंबर 2020 में भारत में अपने ऑपरेशंस शुरू किए थे। जांच जेन स्ट्रीट द्वारा भारत में डेरिवेटिव पोजिशंस पर कमाए गए बड़े मुनाफे से उपजी है। जेन स्ट्रीट कैपिटल दुनिया की बड़ी प्रोपरायटरी फर्म्स में से एक है। भारत में इसकी यूनिट जेएसआई इनवेस्टमेंट्स है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 09, 2025 पर 9:06 PM
Jane Street's India F&O Trades: SEBI आज से नहीं 3 साल पहले से कर रहा है जांच, अमेरिकी फर्म पर किस वजह से है टेढ़ी नजर
Jane Street पर मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज के आरोप हैं। इससे कंपनी को भारी मुनाफा हुआ और इंडियन ट्रेडर्स को नुकसान।

मार्केट रेगुलेटर SEBI दुनिया की सबसे बड़ी क्वांट ट्रेडिंग फर्म्स में से एक जेन स्ट्रीट के डेरिवेटिव्स ट्रेड की जांच कर रहा है, वह भी आज से नहीं बल्कि 3 साल पहले से। SEBI पता लगाना चाहता है कि क्या इस अमेरिकी फर्म का देश के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्सेज में हेरफेर करने का इरादा था या नहीं। यह बात रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से कही गई है। जेन स्ट्रीट कैपिटल दुनिया की बड़ी प्रोपरायटरी फर्म्स में से एक है। प्रोपरायटरी फर्म ऐसी फर्म को कहा जाता है, जो किसी क्लाइंट की जगह खुद के लिए ट्रेडिंग करती है। जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई भारत में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (FPI) के रूप में रजिस्टर्ड है।

जेन स्ट्रीट पर मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज के आरोप हैं। इससे कंपनी को भारी मुनाफा हुआ और नुकसान इंडियन ट्रेडर्स को उठाना पड़ा। यह पूरा मामला जनवरी 2025 में तब सामने आया था, जब NSE को कुछ असाधारण ट्रेडिंग पैटर्न्स देखने को मिले थे और ये जेन स्ट्रीट सहित कुछ हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (एचएफटी) फर्म्स से लिंक्ड थे। ये ट्रेड्स कुछ सेकेंड्स के अंदर हुए थे, लेकिन उनका असर काफी व्यापक था। इससे एक चेन रिएक्शन बना था, जिसने मार्केट की चाल को उस दिशा में मोड़ दिया था, जो इन फर्म्स के लिए फायदेमंद था। इन ट्रेड्स की वजह से कुछ दूसरे ट्रेडर्स के स्टॉपलॉस ट्रिगर हुए थे, जिसका काफी असर पड़ा था।

हालांकि अप्रैल 2024 में कुछ खास इंडेक्स की एक्सपायरी पर ट्रेडर्स ने सूचकांकों में कोऑर्डिनेटेड पोजीशनिंग का पैटर्न पाया था। इसके बाद कुछ ऐसे बड़े अंडरलाइंग स्टॉक्स में तेज उतारचढ़ाव दिखा था, जिनकी सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी थी। कीमतों में असाधारण उतारचढ़ाव पर सवाल भी उठे थे। इस साल मई में मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि SEBI उस ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी के इस्तेमाल की जांच कर रहा है, जिसके तहत कंपनी इंडेक्स डेरिवेटिव्स में बड़े पोजिशन लेती है और फिर अंडरलाइंग इंडेक्स को अपनी पोजिशन से प्रॉफिट में डाल देती है।

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