
Vedanta Share Price: वेदांता के कारोबार का बंटवारा होने वाला है। वेदांता के इस डीमर्जर (Vedanta Demerger) को लेकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने अपनी सुनवाई पूरी की तो निवेशक चहक उठे और धड़ाधड़ खरीदारी करने लगे। खरीदारी के इस माहौल में दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल की वेदांता के शेयर रॉकेट की स्पीड से करीब 3% उछल पड़े और नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे शेयर थोड़े नरम पड़े लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। फिलहाल बीएसई पर यह 2.57% की बढ़त के साथ ₹533.80 पर है। इंट्रा-डे में यह 2.91% उछलकर ₹535.60 तक पहुंच गया था जोकि इसके शेयरों के लिए एक साल का नया हाई है।
Vedanta Demerger मामले में क्या हुआ NCLT में?
वेदांता की डिमर्जर याचिका पर एनसीएलटी में दलीलों की सुनवाई पूरी हो गई और बुधवार 12 नवंबर को इक्विटी मार्केट का काराबोर बंद होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद एनसीएलटी ने अगली सुनवाई की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सरकार ने डिमर्जर याचिका का फिर विरोध किया और दावा किया कि वेदांता पर ₹16,700 करोड़ का बकाया है। सरकार का कहना है कि डिमर्जर से पहले वेदांता की ₹2 लाख करोड़ से अधिक एसेट बेस इसके क्लेम को पर्याप्त प्रोटेक्शन देती थी लेकिन डिमर्जर के बाद तेल और गैस (Oil & Gas) कारोबार की संपत्ति केवल ₹29,000 करोड़ रह जाएगी। इसके जवाब में वेदांता ने कहा कि ये दावे इसके तेल और गैस बिजनेस एसेट से 1.8 गुना अधिक हैं।
इसके अलावा सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि वेदांता ने उन दावों का खुलासा नहीं किया है जिन पर अभी आर्बिट्रेशन में मामला चल रहा है, और जिनके चलते कंपनी पर $22.2 से $100 करोड़ तक की देनदारी बन सकती है। इस पर वेदांता ने अपना पक्ष रखा कि जब तक किसी दावे को अदालत मान नहीं लेती है, तब तक उसे मान्यता देना या खुलासा करना जरूरी नहीं है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
वेदांता के शेयर 7 अप्रैल 2025 को ₹362.20 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह सात महीने में 47.87% उछलकर आज 13 नवंबर 2025 को ₹535.60 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। इसके शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसमें 56.38% हिस्सेदारी प्रमोटर्स की है और बाकी 43.49% पब्लिक शेयरहोल्डर्स की। इसमें 20 लाख से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर्स की 11.4% की हिस्सेदारी है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
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